लंदन। भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की सफलता देखकर पूरी दुनिया हैरान है। बल्कि ब्रिटेन जैसे देश तो इसे पचा नहीं पा रहे हैं। शायद यही वजह है कि ब्रिटिश सांसदों ने भारत को दी जाने वाली आर्थिक सहायता की समीक्षा करने की मांग कर दी है। उनका कहना है कि भारत अंतरिक्ष कार्यक्रम के जरिए पैसा कमा रहा है, इसलिए मदद की जरूरत नहीं है।
दरअसल, भारत ने जैसे ही 103 उपग्रहों (सैटेलाइट) को एक साथ अंतरिक्ष में छोड़ने की घोषणा की, पूरी दुनिया के कान खड़े हो गए। यहां तक कि रुस को भी ये यकीन नहीं हुआ। रुस ने एक साथ 39 उपग्रहों को अंतरिक्ष में छोड़ा था। भारत की ओर से यह भी कहा गया है कि वो वृहस्पति और शुक्र पर भी अपना अभियान भेज सकता है। इस तरह की घोषणा की उम्मीद किसी ने नहीं की थी। किसी को भी यकीन नहीं हो रहा है कि भारत भी ऐसा कर सकता है।
भारत की सफलता ब्रिटिश सांसदों को रास नहीं आ रही है। इसलिए उन्होंने कहा कि ब्रिटेन ने अन्य देशों को 2015 में 15.46 अरब की मदद दी थी। इसका एक बड़ा हिस्सा लगभग 5.84 अरब भारत को मिला था। अब उनका कहना है कि इस मदद के बदले किसी और की मदद की जा सकती है।
ब्रिटिश सांसद एंड्रयू रोजिनडेल ने तो सीधे ही कहा डाला है कि अगर भारत के पास रॉकेट्स पर खर्च करने के लिए पैसे हैं, तो हमें यह पूछना चाहिए कि क्या भारत को आर्थिक मदद की आवश्यकता है। क्या यह समझदारी होगी। एक अन्य सांसद पीटर बोन ने कहा कि मैं नहीं चाहता हूं कि भारती की प्रतिष्ठा को देखते हुए उसे आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए।