नईदिल्ली। जल्द ही आपके इलाके से गुजरने वाली भारतीय रेल 200 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से दौड़ेगी। जिस यात्रा में आपको 24 घंटे लगते थे, उसमें अब मात्र 12 घंटे लगेंगे। इसके लिए रुसी रेलवे भारत की मदद कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार वह पिछले सप्ताह एक प्रारंभिक रिपोर्ट जमा करा चुका है। इस रफ्तार तक पहुंचने के लिए रूसी रेलवे ने कई तकनीकी और प्रौद्योगिकी आधारित समाधानों का प्रस्ताव दिया है। इनमें रेलवे की पटरियों की मरम्मत के साथ-साथ उस जमीन को दुरूस्त करना भी शामिल है, जहां रफ्तार संबंधी बाधाएं हैं।
रूसी रेलवे ने पुलो पर उठाए सवाल
चूंकि भारतीय रेलवे के पास ऐसे डिब्बे नहीं हैं, जो 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकें इसलिए नई तरह के डिब्बों को भी मंजूरी देने की जरूरत होगी। हालांकि, रूसी रेलवे ने इस क्षेत्र में ‘सीमित रफ्तार वाले कई बड़े पुलों’पर चिंता जाहिर की है और इन सभी संरचनाओं के विस्तृत सर्वेक्षण की सिफारिश की है।
इस सर्वेक्षण के आधार पर मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा। इसके अलावा तीव्र गति के रेल तंत्र के लिए उचित सुरक्षा इंतजामों के भी सुझाव दिए गए हैं। इस समय भारत में सबसे तेज ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस है, जिसकी रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा है।
रूसी रेलवे का कहना है कि जहां रेलवे पटरियों के किनारे बस्तियां बसी हैं, वहां शोर दबाने की भी व्यवस्था की जाए। इस प्रॉजेक्ट के लिए पिछले साल अक्टूबर में ही दोनों देशों के रेल मंत्रालयों के बीच प्रॉटोकॉल साइन हुआ। हाई-स्पीड प्रॉजेक्ट का खर्चा दोनों देश बराबर-बराबर उठाएंगे।