अमेरिकी पाबंदी

Bhopal Samachar
राकेश दुबे@प्रतिदिन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पदभार संभालने के साथ ही अपने चुनावी वादों पर अमल करना शुरू कर दिया है। सबसे पहले उन्होंने सात मुसलिम बहुल देशों के नागरिकों को अमेरिकी वीजा देने पर रोक लगा दी है। शरणार्थियों के अमेरिका आने पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। गूगल जैसी कंपनियों ने भी इस पर आपत्ति जताई है। गौरतलब है कि चुनाव के समय ट्रंप ने कहा था कि मुसलिम समुदाय के लोगों की प्रोफाइलिंग होनी चाहिए, यानी उनके धर्म, नस्ल आदि के आधार पर तय होना चाहिए कि वे अमेरिका के लिए कितने सहयोगी हैं।

9/11 के आतंकी हमले के बाद से ही अमेरिका में एक बड़ा तबका मुसलमानों को संदेह से देखता आ रहा है। उन्हें लगता है कि मुसलिम देश आतंकवादियों को पनाह देते हैं और वे सब अमेरिका के खिलाफ नफरत से भरे हैं। इसलिए विभिन्न देशों से अमेरिका गए बहुत सारे मुसलमान खुद को असुरक्षित महसूस करते रहे हैं। ट्रंप ने चुनाव प्रचार के समय मुसलिम समुदाय के खिलाफ कड़े कदम उठाने का वादा करके नस्लवादी भावनाओं को हवा दी थी। मुसलिम देशों के खिलाफ इस तरह भेदभावपूर्ण फैसला करके ट्रंप भले कुछ मुसलिम-विरोधी अमेरिकी लोगों की भावनाओं को तुष्ट करने में कामयाबी पा लें, पर इससे उनके लिए कई मुश्किलें पैदा होंगी।

ट्रंप ने सफाई दी है कि वे मुसलिम समुदाय के खिलाफ नहीं हैं, पर शरणाथिर्यों के मामले में जिस तरह उन्होंने कहा कि ईसाइयों को प्राथमिकती दी जाएगी, उससे जाहिर है कि उनका कदम मानवीय आधार पर उचित नहीं है।

वैसे अमेरिका के विरुद्ध आइएसआइएस जैसे संगठन लगातार सक्रिय रहे हैं और वे मुसलिम समुदाय के युवाओं को बरगलाने में कामयाब होते रहे हैं, पर इसका यह अर्थ नहीं कि इस आधार पर मुसलिम देशों के सभी नागरिकों को संदिग्ध करार दे दिया जाए। बहुत-से लोग रोजगार, कारोबार, पढ़ाई-लिखाई के सिलसिले में अमेरिका आते-जाते रहते हैं। इसी तरह अमेरिकी लोगों को भी कारोबार आदि के सिलसिले में मुसलिम बहुल देशों का रुख करना पड़ता है। बहुत सारी अमेरिकी कंपनियों ने विभिन्न देशों में अपने कारोबार फैला रखे हैं।

ताजा फैसले से मुसलिम बहुल देशों में आतंकवाद को अपनी जड़ें और मजबूत करने का मौका मिल सकता है। इस तरह चरमपंथ के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई बिखरने का भी अंदेशा है।
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।        
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com
पूर्व में प्रकाशित लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए
आप हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!