भोपाल। दृश्य है छोला विश्राम घाट का। दिन रविवार दिनांक 1 जनवरी 2017, सबको शुभकामनाएं देने का दिन। नए साल का खुले दिल से स्वागत करने का दिन लेकिन हर आंख नम है, हर दिल सहमा हुआ है। आरुषि और अक्षिता के सामने उनके माता पिता के शव चिता पर लेटे हुए हैं, दोनों बेटियां मुखाग्नि दे रहीं हैं। बस एक ही दुआ निकल रही है। हे भगवान, इन बेटियों को शक्ति देना। एडवोकेट मनोज जैन एवं उनकी पत्नी मोनिका जैन की डबरा में हुए एक हादसे में मौत हो गई थी। कार हरसी बांध की नहर में डूब गई थी। दोनों बेटियां तो तैरकर बाहर निकल आईं लेकिन माता पिता नहर में दौड़ रहे ठंडे पानी का सामना नहीं कर पाए।
दोनों बेटियों ने 30 मिनट तक किया था संघर्ष
हादसे में बचीं मनोज की दोनों बेटियां तैराकी में एक्सपर्ट हैं। बड़ी बेटी आरुषि को तैराकी में जिला स्तरीय पुरस्कार मिल चुका है। दोनों ने घटना के बाद 30 मिनट तक तेज बहाव में संघर्ष किया। जैन की छोटी बेटी अक्षिता भोपाल के संस्कार वैली स्कूल में कक्षा 7 की छात्रा है, जबकि बड़ी बेटी आरुषि नोएडा में एलएलबी कर रही है।
पुलिया में फंसा था मनोज का शव
सत्तर पुल के पास हरसी कैनाल में बहे भोपाल निवासी वकील मनोज जैन और उनके ड्राइवर बलराम ओसवाल के शव शनिवार को हादसे के 15 घंटे बाद सुबह 11:30 बजे नहर से निकाले जा सके। मनोज का शव 25 किमी दूर मेहगांव की पुलिया व साइफन के बीच फंसा था, जबकि ड्राइवर का घटनास्थल से 4.5 किमी दूर चिटोली के पास अटका मिला।
यह था घटनाक्रम...
जैन तीर्थ सोनागिरि(दतिया)में दर्शन करने आए भोपाल के वकील मनोज जैन की कार डबरा से 70 किमी दूर एक नहर में गिर गई थी। शुक्रवार देर रात तक जैन की पत्नी मोनिका और शनिवार सुबह ड्राइवर का शव तलाश लिया गया था। वहीं 50 वर्षीय मनोज की लाश दोपहर को मिली। उनकी तलाश के लिए नहर का पानी रुकवा दिया गया था।
अंधेरे में ड्राइवर खो बैठा था संतुलन
जैन परिवार शुक्रवार शाम दर्शन कर डबरा के हरसी कैनाल से होकर शिवपुरी के लिए निकला था। यहां से उन्हें अपनी ससुराल गुना जाना था, लेकिन रात के अंधेरे में ड्राइवर संतुलन खो बैठा और कार सत्तर पुल के पास हरसी डैम से निकलने वाली मुख्य नहर में जा गिरी। नहर में अधिक पानी होने के कारण थोड़ी ही देर में उसमें सवार सभी सदस्य बह गए। ग्रामीणों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने घटनास्थल से करीब 4 किमी दूर चिटौली हेड के पास मोनिका का शव बरामद किया,जबकि दोनों बहनें नहर के एक किनारे पत्थर को पकड़े हुए मिलीं।
माता पिता को बताने की हिम्मत नहीं हुई
मनोज जैन के पिता महेंद्र कुमार जैन सीएमओ बासौदा से रिटायर हुए है मां शकुंतला गृहिणी हैं। परिवार में मनोज के बड़े भाई विवेक जैन कारोबारी है। एक विवाहित बहन भी है। एडवोकेट पीसी कोठारी ने बताया कि तीन दिन पहले मनोज अपनी पत्नी और बेटियों के साथ साथ राजस्थान घूमने गए थे। हादसे की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में समाज के लोग और उनके परिचित पीरगेट स्थित घर के बाहर इकट्ठा हो गए थे। मनोज के माता-पिता को सड़क दुर्घटना की सूचना तो मिल गई थी,लेकिन रात एक बजे तक यह बताया गया कि सब कुछ ठीक है। अगले दिन शनिवार को परिजनों ने बताया कि मनोज और मोनिका नहीं रहे।