भोपाल। नगर निगम भोपाल का एक अधिकारी कमर शाकिब मंत्री उमाशंकर गुप्ता पर ही भारी पड़ गया। तमाम कोशिशों, गवाह, सबूत और मेडिकल रिपोर्ट के बावजूद रिश्वत देने से इंकार करने वाली महिला को बीच सड़क पर बेरहमी से पीटने वाले निगम के अतिक्रमण अधिकारी कमर शाकिब के खिलाफ ना तो एफआईआर हुई है और ना ही विभागीय कार्रवाई। बस उसे अतिक्रमण से हटाकर जोन 5 का इंचार्ज बना दिया गया है।
हालात यह हैं कि अब मंत्री उमाशंकर गुप्ता अपनी ही सरकार में विपक्षी नेताओं जैसे बयान जारी कर रहे हैं। मंगलवार को उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता और MIC सदस्य शंकर मकरोनिया जेपी हॉस्पिटल में भर्ती महिला की तबियत पूछने पहुंचे। इस दौरान मंत्री ने शाकिब को जोन-5 का जोनल अधिकारी बनाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने तंज कसा कि, अगर शाकिब इतने अच्छे कर्मचारी हैं, तो उन्हें तो कमिश्नर-कलेक्टर बना देना चाहिए। इधर एमपी नगर थाने में पुलिस के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया एवं गृहमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की गई।
डॉक्टर ने की मारपीट की पुष्टि
पहले पुलिस ने महिला से मारपीट होने से ही इंकार कर दिया था। उसके बाद पुलिस ने बयान दिया कि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। अब डॉ. आईके चुघ, सिविल सर्जन, जेपी अस्पताल का कहना है कि पीड़ित महिला के पेट में गंभीर चोट की पुष्टि हो गई है। फिर भी पुलिस ने एफआईआर नहीं की। घटना के दिन पुलिस ने घायल महिला को 7 घंटे तक एमपी नगर थाने में बिठाए रखा। जब उसकी तबीयत खराब हो गई तो उसे अस्पताल भेज दिया लेकिन कार्रवाई नहीं की गई।
घायल महिला से मेल मुलाकात चलता रहा
इस मामले में राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता की नाराजगी को देखते हुए नगरीय विकास विभाग के कमिश्नर विवेक अग्रवाल, कलेक्टर निशांत वरवडे, निगमायुक्त छवि भारद्वाज और एसडीएम रवि सिंह अस्पताल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पीड़ित महिला और उनके पति लक्ष्मण से चर्चा की। एसडीएम ने महिला के बयान दर्ज किए और घटना स्थल का मुआयना किया। एसडीएम ने घटनास्थल पर भी लोगों से चर्चा की थी। एमआईसी सदस्य शंकर मकोरिया, कैलाश मिश्रा और जोन अध्यक्ष राजेश खटीक आदि भी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने महापौर आलोक शर्मा से चर्चा की।
दवाब बढ़ा तो महापौर ने शाकिब को जोन 5 भेज दिया
तमाम बवंडर मचने के बाद भी कमर शाकिब को बचाने का खुला खेल जारी है। इधर पुलिस एफआईआर नहीं कर रही तो उधर नगरीय निकाय विभाग उसके खिलाफ कार्रवाई भी नहीं कर रहा। महापौर आलोक शर्मा ने चुपके से उसे बचाने वाली कार्रवाई करवा दी। निगमायुक्त ने साकिब को हटाकर प्रेमशंकर शुक्ला को अतिक्रमण अमले का प्रभार सौंपने के आदेश जारी कर दिए और साकिब को जोन 5 का जोन अधिकारी बना दिया। ना तो कोई नोटिस दिया गया और ना ही सस्पेंड किया गया।