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इस विवाद की मूल वजह बैंक द्वारा वसूला जाने ट्रांजेक्शन चार्ज है। बैंक प्रति ट्रांजेक्शन एक प्रतिशत चार्ज वसूलता है। इसी वजह से पेट्रोल पंप मालिक नाराज हैं। बैंकों ने ट्रांजेक्शन चार्ज वसूलना शुरू कर दिया है। दूसरी ओर सरकार का साफ निर्देश है कि ट्रांजेक्शन चार्ज जनता पर नहीं थोपा जा सकता है।
पेट्रोल पंप मालिकों का कहना है कि हमलोग पेट्रोल की कीमत तय नहीं करते हैं। कीमत ऊपर से तय की जाती है। बैंक द्वारा चार्ज वसूले जाने की वजह से उन्हें लाभ नहीं मिल पाता है। नकदी में लेन-देन करने पर यह राशि बच जाती है। ऑयल मार्केटिंग कंपनी ने लाभांश की सीमा 0.3 फीसदी से 0.5 फीसदी रखी है।
आपको बता दें कि सरकार ने पेट्रोल पंप पर कार्ड पेमेंट करने की स्थिति में 0.75 फीसदी का कैशबैक ऑफर दे रखा है लेकिन बैंक ग्राहक और पंप संचालक दोनों से ट्रांजेक्शन चार्ज वसूल रहे हैं। देश के 56190 पेट्रोल पंपों में से 52000 पंपों पर आईसीआईसीआई और एचडीएफसी के स्वाइप मशीन हैं।