भोपाल। यहां भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया है कि संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न की उपाधि अटलजी की सरकार के समय दी गई थी। यह दावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने आज भोपाल में आयोजित अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सूरज कैरो का पदभार ग्रहण समारोह में कही।
उन्होंने कहा कि 'आजादी के बाद से कांग्रेस ने निरंतर अनुसूचित जाति के लोगों के साथ पाखण्ड किया। इतना ही नहीं समाज के वंचित वर्ग के उत्थान में अपना संपूर्ण जीवन खपा देने वाले बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को अपमानित करने का कोई मौका नहीं गंवाया। सिर्फ भारतीय जनता पार्टी है जिसने बाबा साहब की गरिमा और सम्मान की स्थापना के लिए पूर्ण निष्ठा से काम किया। भाजपा की सत्ता में भागीदारी होने के बाद ही अटलजी के प्रयासों से बाबा साहब को भारत रत्न दिया जा सका।
यहां बता दें कि डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न की उपाधि 1990 में दी गई। उस समय भारत में प्रधानमंत्री वीपी सिंह के नेतृत्व वाली सरकार थी। भाजपा ने कांग्रेस को सत्ता में आने से रोकने के लिए वीपी सिंह सरकार को बाहरी समर्थन दिया था। डॉ. अंबेडकर को भारत रत्न देने के लिए भाजपा ने किसी तरह की विधिवत मांग की हो। ऐसे दस्तावेज नहीं मिलते।
बसपा करती रही है दावा
बाबा अंबेडकर को मिले भारत रत्न सम्मान के लिए बहुजन समाज पार्टी दावा करती रही है कि यह उसकी लगातार मांग और प्रदर्शन का नतीजा था। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती का मानना है कि भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भारत रत्न तमाम गुजारिश करने के बाद दिया गया। बसपा ने इसको लेकर जब काफी दबाव बनाया तब उनको 1990 में भारत रत्न दिया गया जबकि संविधान के निर्माता को उनकी मौजूदगी में यह सम्मान मिलना चाहिए था। मायावती आरोप लगातीं हैं कि केंद्र में कांग्रेस तथा भाजपा की सरकार ने डॉ.भीमराव अम्बेडकर को भारत रत्न समय पर न देकर दलितों तथा पिछड़ों के प्रति अपनी सोच उजाकर कर दी है। कांग्रेस व बीजेपी ने कांशीराम को भारत रत्न नहीं दिया। हमने इनके ऊपर जब काफी दबाव बनाया तब प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने देश के संविधान निर्माता को यह सम्मान दिया। हमने कांग्रेस की तमाम सरकारों से अनुरोध करने के साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी से भी डॉ. अम्बेडकर को भारत रत्न देने की मांग की थी। इन दोनों पार्टियों ने देश के दलित तथा पिछड़ों को सिर्फ वोट बैंक माना है।