
मामला राजगढ़ का है। प्रधानमंत्री की अपील किसान प्रताप सिसौदिया निवासी पटेल मार्ग राजगढ़ ने अपने वाहन में मंडलेचा पेट्रोलियम पंप राजगढ़ से 18000 रु. का डीजल 22 दिसंबर को वाहनों में भरवाया। इसका भुगतान डेबिट कार्ड से किया। इसी किसान ने 27 दिसंबर को फिर 18600 रु. का इसी पंप से डीजल भरवाया। कार्ड से भुगतान किया। राजगढ़ स्थित पालिका निधि कॉम्प्लेक्स स्थित बैंक ऑफ़ इंडिया शाखा जाकर पासबुक में इंट्री कराई तो उसे पता चला कि खाते से 18000 की जगह 18505 और 18600 की जगह 19122 रु. कटे। यानी पहली बार में 505 व दूसरी बार में 522 रु. अतिरिक्त खाते से कटे।
बैंक और पंप के बीच झूलता रहा किसान
किसान ने जब बैंक अधिकारी से पूछा तो बोले बैंक ने नहीं काटे वो तो पेट्रोल पम्प वाले ने काटे। किसान पम्प वाले के पास गया तो उसने कहा मशीन से जो आपने भुगतान किया, उतने की रसीद आपको दी है। हमने ज्यादा पैसे नहीं लिए। एक सप्ताह से भटक रहे किसान को बैंक के सीनियर ब्रांच मैनेजर मनोज कुशवाह ने बताया आपका डेबिट कार्ड मास्टर कार्ड है जो जनधन योजना के पहले से बना है। उस दौरान मास्टर कार्ड व वीजा कार्ड इस्तेमाल होते थे। उसके तहत कार्ड से भुगतान पर सर्विस चार्ज काटा जाता है। यह नियम-शर्तों में दर्ज होता है।