भोपाल। मप्र स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 28 जनवरी को 'मिल बॉचें मध्यप्रदेश' कार्यक्रम तय किया गया था। जो कि पूरे प्रदेश के स्कूलों में होना तय हुआ था। इस कार्यक्रम हेतु स्कूल शिक्षा विभाग की बेवसाईट से 25 जनवरी तक आनलाइन वालिंटियर बनाये गये और इसमें कोई भी व्यक्ति जो कालेज में पढाई कर रह है या पढाई पूरी कर चुका है आवेदन कर वालिंटियर बन सकता था।
पन्ना के देवेन्द्रनगर निवासी अनुराग पाठक बताते हैं कि एेसा जानकारी उन्हे व्हाट्स एप के एक मैसेज से मिली और उन्होंने भी वेबसाईट पर जाकर वालिंटियर हेतु रजिस्ट्रेशन किया। जिसमें इनका मोबाईल नं. रजिस्ट्रर्ड किया गया और मोबा. पर ओटीपी द्वारा वेरीफीकेशन किया गया, और स्कूल शिक्षा विभाग से एक मैसेज प्राप्त हुआ कि आपको स्कूल शिक्षा विभाग संपर्क करेगा और 28 जनवरी को आपको कार्यक्रम में पहुँच कर वहॉ बच्चों की स्थिति का ज्ञान करना है। और इस वावत् अनुराग पाठक ने अपने मित्रों से भी रजिस्ट्रेशन कराये।
सभी 28 जनवरी को पूरे दिन इंतजार करते रहे, परंतु ना कोई संपर्क किया गया और ना ही कार्यक्रम में बुलाया गया। जब शाम समय उन्हें मित्रों का फोन आया तो उन्हें पता चला कि लगभग संपूर्ण प्रदेश के वालिंटियर के साथ एेसा हुआ है। साथ ही सभी वालिंटियर का आरोप है कि कहीं इस तरह कार्यक्रम के माध्यम से कोई भ्रष्टाचार तो नहीं किया गया और इतनी बडी लापरवाही स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से की गई जो बेहद अशोभनीय हैै। इस तरह के कार्यक्रमों से वालियिटर का समय तो खराब हुआ ही साथ ही प्रदेश की जनता का विश्वास भी उठता नजर आ रहा है।