उड़ीसा। यहां एक किसान को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया, फिर हत्या कर दी ओर लाश के टुकड़े-टुकड़े करके फैंक दिए। किसान की पत्नी ने अपनी साड़ी निकालकर लाश के टुकड़े समेटे। किसान ने साहूकार से कर्ज लिया था। सिदम्बर में उसे पूरी रकम चुकता करनी थी परंतु नोटबंदी के कारण सहकारी बैंक में नगदी आहरण पर रोक थी इसलिए किसान पैसे नहीं चुका पाया। घटना उड़ीसा के संभलपुर की है। किसान रोहित दास ने इलाके के साहूकार विरुपक्शया पांडा से 1.25 लाख रुपये उधार लिए थे।
नोटबंदी की मार के कारण नहीं चुका पाया था किस्त
रोहित ने बीज और खेती के उपकरणों के लिए पैसे उधार लिए। पांडा ने ये पैसे चुकाने के लिए उसे दिसंबर तक का वक्त दिया इसलिए उसने खेती की और पैसे इकट्ठे करने लगा। इस बार उसकी फसल भी अच्छी नहीं हुई और नोटबंदी हो गई। किसान का पैसा बैंक में ही जमा रह गया। उसने उसने पांडा से पैसे चुकाने के लिए वक्त मांगा, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं था। साहूकार की ओर से रोहित पर लगातार दबाव बनाए जाने लगा।
बैंक से जो मिले वो साहूकार को दे आया, फिर भी
नोटबंदी के कारण सहकारी बैंक से नगदी आहरण पर रोक लगी थी। काफी कोशिशों के बाद भी रोहित पैसे जमा नहीं कर पाया। उसके पास कुछ पैसे थे जिसे लेकर वो साहूकार के पास गया था। यहां साहूकार के गुंडों ने रोहित को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा और बाद में उसकी लाश के टुकड़े कर दिए। जब परिजन रोहित को ढूंढते हुए मौके पर पहुंचे तो उन्हें उसकी लाश के टुकड़े मिले।
पत्नी ने साड़ी में इकट्ठा किए लाश के टुकड़े
सूत्रों के अनुसार किसान की लाचार पत्नी ने उसकी लाश के टुकड़ों को अपनी साड़ी में इकट्ठा किया। मामले की खबर लगने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन गरीब होने की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हुई। हालांकि, घटना सुर्खियों में आ जाने के बाद पुलिस को कदम उठाना पड़ा और एक आरोपी गिरफ्तार भी किया गया। लेकिन, मुख्य आरोपी पांडा अभी भी फरार है।