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टाइम्स अॉफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे का यह प्रोपोजल तैयार और अगले हफ्ते होने वाली रेलवे बोर्ड मीटिंग में इसे अप्रूवल मिल सकता है। इस प्रपोजल के तहत कोई भी ब्रैंड या कंपनी किसी ट्रेन के पूरे मीडिया राइट्स खरीद सकेगी। इसके बाद वह ट्रेन की बोगियों के अंदर और बाहर अपना प्रचार करने को स्वतंत्र होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘रेलवे ने विज्ञापन अधिकार को एक-एक कर बेचने के प्लान को ड्रॉप कर दिया है और अब हम पूरी ट्रेन के मीडिया राइट्स देने को तैयार हैं। इसके साथ ही स्टेशनों के राइट्स भी बड़े कॉर्पोरेट प्लेयर्स को दिए जाएंगे।’
इस प्लान को तेजी पीएम मोदी की हालिया मीटिंग के बाद मिली जिसमें उन्होंने बिना माल भाड़ा बढ़ाए दूसरे तरीकों जैसे विज्ञापन के जरिए रेलवे का रेवन्यू बढ़ाने को कहा। इस तरह की कोशिश पिछले यूपीए सरकार ने की थी लेकिन तब यह प्लान जमीं पर नहीं उतर पाया। आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए वित्तीय समस्या से जूझ रहा रेलवे को किराया न बढ़ाने को कहा गया है।
रेलवे ने बिना किराए मे बदलाव किए रेवन्यू को 2000 करोड़ बढ़ाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा हुआ है। पिछले साल रेलवे ने 4 ट्रेनों के बाहर विज्ञापन के अधिकार एक कंपनी को दे दिए थे जिससे रेलवे हर साल करीब 8 करोड़ रुपए कमा सकेगा।