सागर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिर्फ तीन दिन पहले भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में कहा था कि जनप्रतिनिधि शासकीय योजनाओं के तहत होने वाले आयोजनों में शामिल हों। लेकिन यह नसीहत इतनी जल्दी भुला दी गई है। सरकार के आनंद मंत्रालय का पहला कार्यक्रम मजाक बनकर रह गया। शनिवार को म्यूनिसिपल स्कूल परिसर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का लाइव भाषण सुनने वालों में कलेक्टर और चंद लोग मौजूद थे। सांसद, विधायक और महापौर तीनों नहीं पहुंचे। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों से लेकर भाजपा कार्यकर्ता और पार्षदों अथवा आमजन तक नहीं पहुंचे। ज्यादातर कुर्सियां अंत तक खाली पड़ी रहीं। दिन भर यह आयोजन और मुख्यमंत्री की सिर्फ तीन दिन पहले दी गई नसीहत को भुलाने दिए जाने की बात चर्चा में रही।
नेकी की दीवार पर टांगे कपड़े
आनंदम कार्यक्रम स्थल पर नेकी की दीवार की तरह ही कुछ लोगों ने कपड़े दान किए। उन्हें लेने वाले भी पहुंचे। लोगों का कहना था कि यह एक अच्छे कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है लेकिन इसमें जनप्रतिनिधियों के न आने से ज्यादा उम्मीद नहीं दिख रही है। कुछ स्कूल व स्वयं सेवी संगठन जरूर आगे आए। 14 जनवरी से 21 जनवरी तक प्रदेश में आनंद उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। राज्य भर में आनंदम केन्द्र खोले जाएंगे। स्वंय सेवक आनंदम के रूप में ऑनलाइन पंजीयन करा सकते हैं।
आनंद का सरकारीकरण नहीं हो सकता
कलेक्टर विकास नरवाल का कहना था कि आनंद लाना, इसका सरकारीकरण नहीं हो सकता। यह पूर्ण रूप से स्वैच्छिक है। मैंने न किसी को ये कहा कि आपको अाना ही है, न ही किसी को आने के लिए दबाव बनाया। कल मीटिंग में तैयारियाें पर चर्चा हुई थी। जिसे आना था वो आया, जिसे नहीं आना था वो नहीं आए।
मुझे सूचना लेट मिली
महापौर अभय दरे का कहना है कि मुझे पत्र के माध्यम से लेट सूचना मिली। इससे पहले बरमान जाने का प्रोग्राम तय हो गया था। इसलिए नहीं आ सका। पार्षदों को भी समय पर सूचना नहीं दी गई। निगम कमिश्नर की तरफ से यदि मुझे फोन से सूचना मिल जाती तो जरूर आता। वहीं विधायक शैलेंद्र जैन शनिवार को भोपाल में थे। सांसद लक्ष्मीनारायण यादव भी व्यस्तता के कारण कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके।