नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा BCCI से प्रेसिडेंट अनुराग ठाकुर को बेदखल कर दिए जाने के बाद अब मोदी सरकार क्रिकेट पर कानून बनाने जा रही है ताकि उसके फैसलों पर कभी कोई सवाल ना उठाया जा सके। इसकी हिंट अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दी।
मुकुल रोहतगी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बीसीसीआई के प्रशासकों को एक पैनल के द्वारा बदले जाने से भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान होगा। रेलवे, सर्विस और यूनिवर्सिटिज़ की ओर से बहस कर रहे रोहतगी ने कहा कि कोर्ट को उसके फैसले के द्वारा हो रहे असर के बारे में भी देखना होगा। इस पर जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि क्या आप इस पर कोई कानून लाने का विचार कर रहे हैं, तो मुकुल रोहतगी ने कहा कि हां, हम विचार कर रहे हैं।
बेंच ने कहा कि आपके बयान से लगता है कि आप कोई नया कानून लाने पर विचार रहे हैं, लेकिन अभी इस बात पर कोई जवाब नहीं है कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या असर पढ़ेगा। मुकुल रोहतगी ने कहा कि आईसीसी के कई नियमों में यह जरुरी है कि सरकार कुछ फैसलों में दखल ना दे। इसलिए बोर्ड की स्वायत्ता को बनाए रखना भी जरुरी है।
गौरतलब है कि बीसीसीआई मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। नए प्रशासक की नियुक्ति के मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा- केंद्र और BCCI नाम सुझा सकते हैं। हालांकि, ऐसे ही नाम सुझाए जा सकते हैं जिनकी उम्र 70 साल से ज्यादा न हो। बता दें कि लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों की अवहलेना के बाद पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने BCCI प्रेसिडेंट अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को हटा दिया था।