राकेश दुबे@प्रतिदिन। नोट बंदी के बाद बाज़ार में “एप” की भरमार हो गई है। निजी आपरेटर, बैंक और अब सरकार खुद इस बाज़ार में उतर आई है। सब उपभोक्ता की सेवा से मेवा निकलने में लग गये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने और उसे आसान बनाने के लिए यहां 'डिजीधन मेले में आधार आधारित एप लॉन्च किया।
इस एप का नाम भीम है (भारत इंटरफेस फॉर मनी), जो यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) तथा यूएसएसडी (अनस्ट्रक्चर्ड सप्लिमेंटरी सर्विस डेटा) का नया संस्करण है। राजनीति ने यहाँ भी अपना चमत्कार दिखाया है। इसे उत्तर प्रदेश चुनाव के मद्देनजर एक विशेष जाति के वोटो से जोडकर देखा जाने लगा। राजनीति जो न कराए कम है।
वैसे इस एप को जारी करते हुए प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि सरकार के इस नये सिक्योरिटी फीचर लॉन्च का इस्तेमाल कर बिना फोन या इंटरनेट के लेनदेन किया जा सकेगा। उन्होंने कहा, "चाहे वह स्मार्टफोन हो या 1000-1200 रुपये का फीचर फोन, भीम को इस्तेमाल किया जा सकता है। इस एप को इंटरनेट कनेक्शन की कोई जरूरत नहीं है। किसी को केवल अंगूठे का इस्तेमाल करने की जरूरत है। एक समय था, जब निरक्षर को 'अंगूठा छाप' कहा जाता था. अब समय बदल गया है. अब आपका अंगूठा ही आपका बैंक है।
नये एप 'भीम' के इस्तेमाल को लेकर उठे सवालों का भी सरकार द्वारा खुलासा किया गया है।व्यापारियों को इसका इस्तेमाल करने के लिए बायोमीट्रिक से जुड़े अपने स्मार्टफोन पर आधार कैशलेस मर्चेन्ट एप को डाउनलोड करना होगा और ग्राहक को एप में अपना आधार नंबर डालने के बाद बैंक को सेलेक्ट करना होगा, जिससे लेन-देन हो जाएगा।
बायोमीट्रिक प्रणाली लेन देन की प्रामाणिकता के लिए पासवर्ड के रूप में काम करेगी। प्रयोगकर्ता को मास्टर कार्ड या वीजा जैसे सेवा प्रदाताओं को शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा कुछ छोटे व्यापारियों ने ऐसे एप का प्रयोग करने में आपत्तियां की हैं।
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
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