भोपाल। राजधानी में नगर निगम के अधिकारियों ने एक बेबस महिला को घेरकर लात घूसों से पीटा। उसके कपड़े फाड़ दिए। बीच सड़क पर चल रही इस वारदात का किसी ने विरोध नहीं किया। एक सिपाही ने रोकने की कोशिश की तो उसे धमकी देकर भगा दिया गया। घायल महिला को 7 घंटे तक थाने में बैठी रही। फिर पुलिस ने उसे अस्पताल भेज दिया। महिला आयोग के कहने पर भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई। यह मारपीट केवल इसलिए की गई क्योंकि महिला ने अधिकारियों को रिश्वत के 3 हजार रुपए नहीं दिए थे।
एमपी नगर थाने से महज 100 मीटर दूरी पर नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी अधिकारी कमर शाकिब और अमले ने शनिवार की सुबह भीम नगर की मीरा चौरसिया की पिटाई कर दी। इस बीच ट्रैफिक पुलिस का जवान उसे बचाने के लिए दौड़ा, लेकिन उसके अधिकारी ने उसे चुप रहने का आदेश दिया। वो उलटे पांव लौट गया। पिटाई से महिला को गंभीर चोटें आई है। लहूलुहान हालत में एमपीनगर थाने में सुबह 12 बजे से शाम 7 बजे तक एफआईआर लिखने की गुहार लगाती रही। जब महिला की थाना परिसर में तबियत बिगड़ गई, तब उसे जेपी अस्पताल में भर्ती कराया है।
एमपी नगर टीआई आशीष धुर्वे ने बताया कि निगम कर्मचारियों द्वारा महिला ने मारपीट की शिकायत दर्ज कराने थाने में आई थी। उसका मेडिकल करवाया गया। उसमें चोट के कारण स्पष्ट न मिलने की वजह से आवेदन को जांच में लिया गया था। जब उसकी तबीयत खराब हुई, तो उसके परिजनों ने उसे जेपी अस्पताल में भर्ती करवाया है।
ट्रैफिक जवान की आंखों-देखी... महिला को पिटते देखा तो बचाने गया था
शौर्य स्मारक के पास तैनात ट्रैफिक आरक्षक दिलीप अहिरवार ने बताया कि नगर निगम के आधा दर्जन से ज्यादा कर्मचारी महिला से सड़क मारपीट कर रहे थे। महिला को पिटता देखा तो पुलिसकर्मी होने के कारण महिला की सुरक्षा के लिए उसको बचाने के लिए दौड़ा। नगर निगम कर्मियों को समझाया कि अतिक्रमण हटा दो, लेकिन महिला होने के कारण उसके साथ मारपीट नहीं करना चाहिए। इस पर नगर निगम के एक अधिकारी ने मेरे अफसर से फोन पर बात करा दी। उन्होंने मुझे ट्रैफिक प्वॉइंट पर जाने के निर्देश दिए। इसके बाद मैं वापस अपनी ड्यूटी पर आ गया था। इसके बाद महिला थाने में शिकायत करने गई थी।
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पीड़ित महिला का बयान
मेरे पति को दिल की बीमारी होने के कारण घर का खर्चा चलाने के लिए फुटपाथ पर गुटखा बेचती हूं। शनिवार को नगरनिगम का अतिक्रमण प्रभारी कमर साकिब के साथ दो लोग आकर मुझे धमका रहे थे, बोले की इस बार हर महीने तीन हजार रुपए देने पड़ेंगे नहीं तो यहां से अपना सामान समेट कर ले जाना। इतनी बढ़ी रकम देने से मना किया तो कमर शाकिब अपनी गाड़ी से उतरकर आए और गाली गलौज करने लगे। थोड़ी देर में उनका गुस्सा बढ़ गया। उन्होंने मुझ से झूमाझटकी शुरू कर दी। इसी दौरान ट्रैफिक सिपाही बीच बचाव करने आ गया। इसी दौरान नगर निगम के कुछ लोग आए और उन्होंने मेरे साथ मारपीट की। एक युवक ने मेरे पेट में लात मारी और कपड़े भी फाड़ दिए। जब मैंने पुलिस में रिपोर्ट करने की बात कही। तो कमर साकिब कहने लगा कि पुलिस मेरी जेब में रहती है। तेरी रिपोर्ट तक थाने में नहीं लिखी जाएगी। नगरनिगम को हर माह दो हजार रुपए देती आ रही हूं। 20 रुपए की पर्ची भी कटवाती हूं। इसके बाद भी नगर निगम की मार खा रही हॅू।
मंत्री उमाशंकर गुप्ता के कहने पर भी नहीं लिखी रिपोर्ट
रविवार सुबह मीरा के पति लक्ष्मण चौरसिया थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे लेकिन पुलिस पहले मेडिकल रिपोर्ट आने का बहाना करती रही। बाद में रिपोर्ट लिखने से ही मना कर दिया। लक्ष्मण ने एमआईसी मेंबर शंकर मकोरिया को फोन पर इसकी जानकारी दी। मकोरिया भी पुलिस थाने पहुंचे। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से बात की लेकिन अधिकारियों का यही कहना था कि आप जाइए जांच के बाद रिपोर्ट लिखी जाएगी। फिर मकोरिया राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता के पास पहुंचकर रिपोर्ट न लिखने की शिकायत की। गुप्ता ने पुलिस अधिकारियों से बात की। मंत्री को सोमवार तक रिपोर्ट दर्ज होने का आश्वासन दिया।
अधिकारी के बचाव में कमिश्नर और महापौर
बताया जाता है कि अतिक्रमण प्रभारी कमर शाकिब के किए गए कृत्य से यदि एफआईआर होती है तो निगम प्रशासन की बदनामी होगी क्योंकि सवाल अतिक्रमण के नाम पर अवैध वसूली का है। इन आरोपों से बचने के लिए निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज और महापौर आलोक शर्मा की तरफ से अपने कर्मचारी पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर प्रयास करते रहे। निगम कमिश्नर भारद्वाज ने अपने कर्मचारी के मुद्दे पर मीडिया से दूरी तक बना ली।
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अतिक्रमण अधिकारी का विवादों से पुराना नाता
ज्ञात हो कि कमर शाकिब पर अवैध वसूली को लेकर कई बार आरोप लग चुके हैं। नेता प्रतिपक्ष मो. सगीर ने कई बार अवैध वसूली कर अतिक्रमण करवाने का आरोप लगा चुके हैं। उनके खिलाफ आरटीआई भी दायर की है।
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मैंने कोई मारपीट नहीं की, झूठ बोल रही महिला
निगम कमिश्नर के निर्देश पर हम अतिक्रमण हटाने गए थे। शौर्य स्मारक के आसपास वीआईपी मूवमेंट वाला क्षेत्र है यहां महिला ने अतिक्रमण किया था, जिसे हटा दिया गया। हमारे द्वारा किसी तरह की मारपीट नहीं की गई है। महिला का आरोप बेबुनियाद है। पुलिस का फोन भी आया था उन्हें हमने यही बात बताई है। कार्रवाई के बाद लोग इस तरह के झूठे आरोप लगाते रहते हैं।
कमर शाकिब, अतिक्रमण अधिकारी
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जांच कराएंगे
निगम अमले द्वारा महिला के साथ मारपीट की जानकारी मिली है। इस मामले की जांच कराई जाएगी। यदि निगम के कर्मचारी दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें हटाया जाएगा।
आलोक शर्मा, महापौर
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जानकारी मांगी गई
मीरा चौरसिया के साथ नगर निगम कर्मियों की मारपीट की घटना की जानकारी मिली हैं। एसपी से पूरे घटनाक्रम पर जानकारी मांगी गई है।
लता वानखेड़े, अध्यक्ष, राज्य महिला आयोग मप्र