बेंगलुरू। बेंगलुरू के प्रसिद्ध एमजी रोड पर नए साल का जश्न मनाने के लिए जमा हुई युवतियों और महिलाओं के साथ हजारों लोगों के सामने छेड़छाड़ हुई। मगर, चौंकाने वाली बात यह है कि इस मामले में अभी तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है। प्रत्यक्षदर्शी महिलाओं ने इस पूरी घटना की जानकारी दी।
एक महिला ने बताया कि वह भी उस रात को वहां मौजूद थी। उसने बताया- उस रात वहां लगभग भगदड़ जैसी स्थिति थी। मैंने लड़कियों को मदद के लिए चिल्लाते हुए और रोते हुए देखा था। एक महिला तो बेहोश हो गई थी। दूसरी महिला ने हमलावरों से बचने और उन्हें दूर रखने के लिए अपने जूते उतार लिए थे।
मैंने जो देखा था, उसे लेकर दो दिन बाद भी मैं सदमे में हूं। मेरी एक दोस्त पर हमला किया गया था, वह भी सकते में है। हमलावर 'जानबूझकर' को महिलाओं को निशाना बना रहे थे। आप एक या दो लोगों से भिड़ सकते हैं, लेकिन भीड़ में बड़े पैमाने पर होने वाली छेड़छाड़ का क्या कर सकते हैं। जब भी एक महिला गुजरती छेड़खानी करने वाले उसे दबोच लेते।
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि बड़े पैमाने पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त पुलिसकर्मी नहीं थे। हर कोई शराब पी रहा था और एक दूसरे को धक्का दे रहा था। लोगों ने अशिष्टता का व्यवहार किया। उन्होंने एक भी महिला नहीं छोड़ा।
एक महिला को मैंने रोते हुए देखा, उसके खून बह रहा था और खरोंच के निशान नजर आ रहे थे। यह बहुत डरावना था। हमलावरों ने महिलाओं के बाल पकड़ लिए और उनके कपड़े खींच लिए।
बेंगलुरू को महिलाओं के लिए सुरक्षित शहर होने का गर्व है। मगर, इस घटना ने बेंगलुरू के इस गर्व पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा है कि शहर में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त पुलिसकर्मी हैं।
घटना के बारे में सबसे पहले स्थानीय अखबार बैंगलोर मिरर ने खबर दी। एमजी रोड पर तैनात सैकड़ों पुलिसकर्मियों से मदद मांगने के लिए भागती परेशान महिलाओं की तस्वीरों को प्रकाशित किया था। हालांकि, अभी तक इस मामले की कोई शिकायत अभी तक पंजीकृत नहीं की गई है। पुलिस ने आज कहा कि वह इस मामले में अधिक जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि क्षेत्र में स्थापित सीसीटीवी कैमरों से मिली फुटेज से पुलिस मामले की जांच करेगी।