नईदिल्ली। नोटबंदी के बाद दी गई सरकारी राहत जैसे एटीएम से अनलिमिटेड ट्रांजेक्शन फ्री, आॅनलाइन पेमेंट पर सरचार्ज 00 इत्यादि सभी प्रकार की राहत खत्म हो गईं हैं। वो सिर्फ 31 दिसम्बर तक ही थीं परंतु नोटबंदी के कारण आपके खातों पर लगीं पाबंदियां जारी हैं। यह अब ज्यादा तकलीफदायक होगा कि आप एटीएम से एक बार में 4500 रुपए से ज्यादा नहीं निकाल सकते और 5 से ज्यादा ट्रांजेक्शन किया तो चार्ज लगेगा।
नोटबंदी से पहले एसबीआई, पीएनबी और आईसीआईसीआई बैंक प्रति ट्रांजेक्शन के लिए 15 रुपये चार्ज करते थे। क्योंकि उनका एटीएम नेटवर्क काफी बड़ा है। वहीं बाकी बैंक 20 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन लेते थे। सरकार ने नोटबंदी के दौरान मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को बंद कर दिया था लेकिन कई जगहों पर उपभोक्ताओं को इसका फायदा नहीं मिला। 31 दिसंबर तक लगभग सभी बैंकों ने डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड पर ट्रांजेक्शन चार्ज बंद कर दिया था लेकिन कई लोगों का कहना था कि ज्वैलर्स और कपड़ों के शोरूम में उनसे चार्ज लिया। रिजर्व बैंक ने नए साल में कार्ड से एक हजार रुपये तक की खरीदारी पर 0.5 प्रतिशत और 2000 रुपये की खरीद पर 0.25 प्रतिशत की दर तय की है।
इधर, दो जनवरी को सरकार ने स्पष्ट किया है कि होटल और रेस्तरां में सेवा शुल्क देना अनिवार्य नहीं है। यदि ग्राहक सेवा से संतुष्ट नहीं है तो वह इसे हटवा सकता है। केन्द्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि होटल और रेस्तराओं में इस बारे में सूचना पट के जरिये स्पष्ट तौर पर सूचना दी गई हो। केन्द्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने एक आधिकारिक वक्तव्य में कहा है, ‘इस बारे में ग्राहकों से कई शिकायतें मिलीं हैं कि होटल और रेस्तरां ‘टिप’ के बदले 5 से 20 प्रतिशत के दायरे में सेवा शुल्क ले रहे हैं। इन होटल एवं रेस्तरांओं में सेवा चाहे कैसी भी हो ग्राहकों को इसका भुगतान करना पड़ता है।’