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कर्मचारी दर्जा के लिए सीधी में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

सीधी। सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स सीटू तथा अखिल भारतीय आगनवाड़ी वर्कर एण्ड हेल्परर्स फेडरेशन के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर आज अन्य जिलों के साथ सीधी जिले में भी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं ने कलेक्ट्रेट के सामने वीथिका भवन परिसर में धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगों का ज्ञापन प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री के नाम से तथा स्थानीय मांगों का ज्ञापन जिला कार्यक्रम अधिकारी के नाम से सौंपा। 

धरना प्रदर्शन में भोपाल से आई प्रदेश महासचिव किशोरी वर्मा भी उपस्थित थी। जिनके द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की वर्षो से बनी समस्याओं पर सरकार द्वारा की जा रही अनदेखी पर विस्तार से अपने उद्बोधन के दौरान जानकारी देते हुये निंदा की गई। आज का धरना प्रदर्शन आगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन की जिलाध्यक्ष सत्यभामा सिंह एवं जिला महासचिव विभा पाण्डेय के नेतृत्व में किया गया। जिसमें करीब एक हजार कार्यकर्ता एवं सहायिका शामिल थी। 

मांगों के संबंध में जानकारी देते हुये जिला महासचिव विभा पाण्डेय ने बताया कि प्रधानमंत्री के नाम से सौंपे गये चार सूत्रीय मांगों में 45 वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सर्वसम्मति सिफारिसों को तत्काल लागू करने जिसमें कार्यकर्ता व सहायिका को कर्मचारी का दर्जा देने, न्यूनतम वेतन 18 हजार प्रतिमाह देने,सेवा नृवित्त पर 3 हजार रूपये पेंशन सहित सभी सामाजिक सुरक्षा का लाभ देना शामिल है। वहीं आगनवाड़ी परियोजनाओं का किसी भी रूप में निजीकरण न किया जाय, केन्द्रीय वजट में परियोजनाओं के लिये पर्याप्त वजट का प्रावधान करने,बिना पेंशन ग्रेजुअटी के सेवा समाप्ति पर रोंक लगाने,सेवा समाप्ति की आयु पूरे देश में एक समान 65 वर्ष करना शामिल है। वहीं मु यमंत्री एवं मंत्री महिला बाल विकास के नाम से दिये गये ज्ञापन में मांग की गई है कि न्यूनतम वेतन सलाहकार परिषद के निर्णय की अधिसूचना को तत्काल जारी किये जायं। जिससे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को न्यूनतम वेतन का लाभ मिल सके।

ज्ञापन में शामिल है ये स्थानीय मांगे
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास सीधी के नाम से पांच सूत्रिय मांगों का  ज्ञापन सौंपा गया है। ज्ञापन में शामिल मांगों में कार्यकर्ता व सहायिका का मानदेय 2014-2015 के बीच में किसी का चार माह और किसी का छ: माह के मानदेय का लंबित भुगतान कराने। कार्यकर्ता एवं सहायिका के नियुक्ती के समय जन्म प्रमाण पत्र संलग्र नही था। शासन के निर्देशानुसार जिला मेडिकल बोर्ड से जन्म प्रमाण पत्र का सत्यापन कराया गया था। जो छ: माह पूर्व परियोजना कार्यालय में प्रस्तुत किया जा चुका है। ऐसी कार्यकर्ताएं एवं सहायिकाएं अपना कार्य निरंतर कर रही है। उन्हे सेवा में रखने का आदेश एवं मानदेय भुगतान का आदेश जारी किया जाय। सिहावल परियोजना में हर माह एमपीआरके फीडिंग के नाम से 50 रूपये प्रत्येक कार्यकर्ता से लिया जा रहा है जिसे समाप्त किया जाय। परियोजना विभाग द्वारा प्रिंट रजिस्टर समय पर उपलब्ध कराया जाय ताकि कार्य प्रभावित न हो। वहीं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मीटिंग में आने पर किराया भत्ता दिलाने की व्यवस्था की जाय। 

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