![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjHEgv7X9DXFF_NCg6ATTEZjfQkIz7JPRWgNhvGLgAP2ybgvd2SD83Vz_VfAErEDPUTu5T_GdBOA9YLMH84uuyu3KiL948oE7CTgCRJk61O6y-9EE7d-0slwk9NOsxY9u43pSUk0xshqqVK/s1600/55.png)
सारी रात धरने पर डटे रहे भाजपाई
लालबहादुर जायसवाल भाजपा के पूर्व मण्डल अध्यक्ष हैं और वर्षों से पार्टी को अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्हें श्री रौतेल का करीबी माना जाता है। कुछ वर्ष पूर्व जिला उपाध्यक्ष श्रीकांत जायसवाल से हुए उनके विवाद एवं पसान नगरपालिका अध्यक्ष रामअवध सिंह से उनकी दुश्मनी के चलते टिकट की रायशुमारी में अव्वल होने के बावजूद उनकी पत्नी अलका जायसवाल को पार्टी ने प्रत्याशी नहीं बनाया। इससे उनके समर्थकों का गुस्सा फूट पड़ा।
AAP पदाधिकारी की पत्नी को बनाया प्रत्याशी
अलका जायसवाल के समर्थकों ने विधायक निवास के बाहर धरना प्रदर्शन करते हुए पूरी रात श्री रौतेल के साथ संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के विरूद्ध जमकर नारेबाजी की। वे अलका को प्रत्याशी घोषित करने की मांग करते रहे। उनके समर्थकों ने सपना शिवहरे को मनेंद्रगढ़ छ.ग. का निवासी बताते हुए आरोप लगाया कि सपना भाजपा की सदस्य तक नहीं है और उसके पति आशीष आप पार्टी के सक्रिय पदाधिकारी हैं। रायशुमारी अलका के पक्ष में होने के बावजूद कुछ लोगों के दबाव में सपना को पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया।
पुलिस भी नहीं खदेड़ पाई
वाट्स एप पर विधायक निवास के घेराव की खबर वायरल होते ही पुलिस अधीक्षक अतुल सिंह ने नगर निरीक्षक ज्ञानेंद्र सिंह परिहार को तत्काल मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए। कोतवाली पुलिस आधी रात मौके पर पहुंची। नगर निरीक्षक श्री सिंह ने प्रदर्शनकारियों को समझाईश देते हुए शांत रहने एवं घर वापस जाने की सलाह दी। एक बार तो पुलिस ने लोगों को कैंपस से बाहर भी कर दिया, लेकिन कुछ देर बाद ही लोग वापस लौट आये और पूरी रात वहीं धरना दिया।
विधायक की कोशिशें भी बिफल
प्रदेश उपाध्यक्ष एवं अनूपपुर विधायक श्री रौतेल पूरी रात नाराज पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को पार्टी के निर्णय को मानने की समझाईश देते रहे। अपने स्तर पर उन्होंने लोगों की नाराजगी से पार्टी पदाधिकारियों को अवगत कराया। इसके बावजूद लोग हटने के लिए तैयार नहीं हुए।
गुस्साए लोग 2 बजे वापस चले गए
शुक्रवार की दोपहर मौके पर प्रदेश कार्य समिति सदस्य दिलीप जायसवाल, मनोज द्विवेदी, ताराचंद्र जी पहुंचे और लोगों को समझाने का सफल प्रयास किया। दोपहर लगभग 2 बजे लोग नाराजगी व्यक्त करते हुए वापस जमुना के लिए रवाना हो गए।