पढ़िए BSF के बवाल पर विशेषज्ञों की राय

अंजना ओम कश्यप/नई दिल्ली। सरहद की सुरक्षा में तैनात जवानों को खराब खाने के वीडियो पर बीएसएफ ने शुरुआती रिपोर्ट सौंप दी है। बीएसएफ ने खराब खाने का आरोप लगाने वाले तेज बहादुर यादव के खराब रिकार्ड का हवाला दिया है। विवाद के बाद तेज बहादुर की यूनिट बदल दी गई है। सवाल उठता है कि जो जवान सरहद पर देश की सुरक्षा करता है, उसके खाने से क्या खिलवाड़ होता है? क्या अफसर जवानों के खाने का सामान बेचकर काली कमाई करते हैं? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि बीएसएफ के एक जवान ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर घटिया खाने की शिकायत की है. इस वीडियो से रक्षा हलके में खलबली है. आरोपों की जांच चल रही है. लेकिन उससे पहले ये बहस जारी है कि क्या हम अपने जवानों को भरपेट खाना भी नहीं दे पा रहे?

निष्पक्ष जांच के लिए शिकायतकर्ता का तबादला जरूरी था: भाजपा 
इस मसले पर बहस में हिस्सा लेते हुए बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि आर्मी और बीएसएफ पर राजनीतिक बयानबाजी से बचना चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और गृह राज्यमंत्री किरन रिजूजू ने जांच के आदेश दे दिए हैं। बहस के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी का नाम आने पर पात्रा ने कहा कि सेना पर सवाल उठाने का हक हमारे पास नहीं है। उन्होंने साफ किया कि निष्पक्ष जांच के लिए जवान की यूनिट बदलना जरूरी था।

पीएम सोशल मीडिया पर तो जवान क्यों नहीं: कांग्रेस 
कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने कहा कि यह एक बेहद गंभीर मसला है। जवान की ओर से सोशल मीडिया पर अपनी बात रखने में कोई बुराई नहीं है। देश के प्रधानमंत्री भी अपनी बात रखने के लिए सोशल मीडिया का खूब इस्तेमाल करते हैं। जवान के आरोपों पर सीनियर अफसरों का बयान मानहानि है। जवानों के भी मूल अधिकार होते हैं, जिसे छीना नहीं जा सकता है।

जवान का सोशल मीडिया पर आना अनुशासन हीनता: मेजर जनरल
मेजर जनरल (रिटायर्ड) पी के सहगल ने कहा कि इस जवान ने अनुशासन तोड़ा है। उसे अपने अफसरों को बताना चाहिए था। उसे इस तरह सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट नहीं करना चाहिए था। उसके पास अपने सीनियर अफसरों के सामने अपनी बात रखने का मौका था। शिकायतों की जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। सेना में खाने की गुणवत्ता को लेकर पहले की सीएजी की रिपोर्ट सही हैं। खामियों को दूर किए जाने की जरूरत है।

यह तो बीएसएफ पर बड़ा लांछन है: पूर्व एडीजी
पीके मिश्रा, पूर्व एडीजी, बीएसएफ ने कहा कि राशन गायब करना बहुत मुश्किल है। जवान के आरोपों की जांच होनी चाहिए। बीएसएफ में ऐसी व्यवस्था है कि कंपनी कमांडर हर जवान से मिलते हैं। जवान तेज बहादुर को अपनी बात अपने कंपनी कमांडर के सामने रखनी चाहिए थी। मुझे नहीं लगता कि जैसा खाना वीडियो में दिखाया गया है, वैसा खाना बीएसएफ में दिया जाता है। अगर वाकई ऐसा है तो यह बीएसएफ के ऊपर बड़ा लांछन है।

जवानों का मनोबल नहीं तोड़ना चाहिए: मेजर जनरल
मेजर जनरल (रिटायर्ड) जी डी बख्शी ने कहा कि हम ऐसी घटना से हैरान हैं। अपने जवानों का खयाल रखना हर अफसर की जिम्मेदारी होती है। फौज के अंदर नियम कायदे हैं। हमें जवानों का मनोबल नहीं तोड़ना चाहिए। हमें ऐसी साजिशों से बचना चाहिए कि सेना या अर्द्धसैनिक बलों के भीतर बगावत हो। जवानों के मनोबल का मुद्दा अहम है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन जवानों को 'चेन ऑफ कमांड' का पालन करना चाहिए। जवान की पलटन अगर बदली गई है तो उसे उसकी सुरक्षा के मद्देनजर किया गया है।
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