![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhsbC7ru9Vc8uH0t9lWigBhAjNVEJ3hH_kCETRppg8OLsQLcVdfrPmGzeU6cP9YVRBq1kkSdqQ5_ILwsCqgu-ruHS73B7kHTLl3A7NjUrhuJjuqrY7sE1SIEGaCHxOck_xXCgJtUop0yKBV/s1600/55.png)
बीयू कुलसचिव डॉ. उदय नारायण शुक्ल ने बताया कि बीयूू प्रशासन को कुछ छात्रों की ओर से शिकायत मिली है कि आवेदन के बाद उन्हें डाक से डिग्री नहीं मिली है। जब इस संबंध में विश्वविद्यालय में संपर्क किया तो डिग्री विभाग के संबंधित कर्मचारी पैसे की मांग कर रहे हैं। एसटीएफ से पता चला है कि दलालों के माध्यम से कुछ कर्मचारी डिग्रियों के लिए छात्रों से अवैध वसूली कर रहे हैं।
क्या है STF की चिट्टी में
एसटीएफ की चिट्ठी के मुताबिक वर्ष 2013 में डिग्री वितरण प्रणाली में भारी लापरवाही पकड़ में आई थी, तब एक गाड़ी से 15 डिग्रियां बरामद की गई थीं। इसकी जांच में सामने आया था कि कई छात्रों की डिग्रियां किसी दूसरे के पास पहुंचा दी जाती थी। इसके बाद विद्यार्थियों से डिग्री लेने के लिए पैसे देने के लिए दबाव बनाया जाता था। एसटीएफ ने चेताया है कि बीयू में कर्मचारियों की मिलीभगत से एक बार फिर से दलाल सर्किय हो गए हैं, जो डिग्रियों के नाम पर आवेदकों से अवैध वसूली कर रहे हैं।
--------------------------
हम इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। इसके साथ ही डिग्री शाखा को निर्देश जारी कर दिए हैं कि नियमानुसार रजिस्टर्ड डाक से ही डिग्री आवेदकों को भेजी जाएं।
डॉ. उदय नारायण शुक्ल,
कुलसचिव बीयू