भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी योजना 'सबको आवास' के लिए चल रहीं तैयारियों में मप्र के सबसे ताकतवर कहे जाने वाले आईएएस अफसर राधेश्याम जुलानिया को शामिल नहीं किया गया है। इसके लिए बनाए जा रहे कानून का मसौदा नगरीय विकास आयुक्त विवेक अग्रवाल को सौंपा गया है। बता दें कि राधेश्याम जुलानिया को इन दिनों जो भी काम सौंपे जा रहे हैं, उनमें कोई ना कोई विवाद जरूर उठ खड़ा होता है। कहा जा रहा है कि सीएम नहीं चाहते इस मामले में कोई विवाद हो। इसलिए जुलानिया केवल विवेक अग्रवाल के निर्देशानुसार आवश्यक जानकारी एकत्र कर उन्हें सौपेंगे।
एक साल पहले सीएम चौहान ने घोषणा की थी कि एमपी में जन्म लेने वाले हर व्यक्ति के पास जमीन और मकान हो, यह उनका सपना है और इसके लिए राज्य सरकार कानून बनाएगी। पत्रकार ब्रजेन्द्र मिश्र की रिपोर्ट के अनुसार इस कानून का प्रारूप लगभग तैयार हो गया है जिसका नाम मध्यप्रदेश आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग तथा निम्न आय वर्ग के लिए आवास गारंटी विधेयक 2017 होगा। सीएम की घोषणा के बाद पहले एसीएस अरुणा शर्मा और बाद में एसीएस आरएस जुलानिया के निर्देश पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग इस दिशा में काम कर रहा था पर पिछले सप्ताह 9 जनवरी को सीएम शिवराज की मौजूदगी में हुई बैठक के बाद यह तय हो गया है कि अब इस कानून के मसौदे का पूरा काम नगरीय विकास विभाग करेगा। बैठक में बुक आॅफ पावर का हवाला देते हुए ये प्रस्ताव नगरीय विकास विभाग को सौंपने की बात कही गई।
सिर्फ डाटा उपलब्ध कराएंगे जुलानिया
विधानसभा के बजट सत्र में विधेयक पेश होना है। इसके पहले अगले एक माह के भीतर मसौदे को मंजूरी के लिए कैबिनेट में पेश किया जाएगा। ग्रामीण विकास विभाग नगरीय विकास को जानकारी देगा कि प्रदेश में कुल भूमिहीन परिवारों में आवासहीन परिवार या कच्चे मकान बनाकर रहने वाले परिवारों की संख्या कितनी है? साथ ही ऐसे परिवार कितने हैं, जिनके कच्चे मकानों में एक, दो या तीन कमरे हैं, यह जानकारी भी एकत्र की जाएगी। ग्रामीण इलाकों में वर्ष 2022 तक कितने आवासों का निर्माण पूर्ण कर लिया जाएगा। यह सारी जानकारी नगरीय विकास को दी जाएगी।