राजेश शुक्ला/अनूपपुर। 2 जनवरी को थाना बिजुरी मे फरियादी केशव केवट निवासी माइनस कालोनी ने थाने मे रिपोर्ट की थी कि वह बहेराबांध कालरी मे नौकरी कर रहा था किसी व्यक्ति द्वारा उसके विरूद्ध फर्जी नाम से नौकरी करने की शिकायत की गई थी जिसकी जांच कालरी प्रबंधन द्वारा कराई गई थी। जांच अधिकारी दुपहरे एवं डीएन पाण्डेय द्वारा जांच मे बचाने के बदले तीन लाख रूपये लिये परंतु उनके द्वारा रुपए लेने के बावजूद 24 दिसंबर 2016 को उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। तब केशव केवट ने डीएन पाण्डेय से अपने पैसे वापस मांगे गये जो 29 दिसंबर को डीएन पाण्डेय द्वारा इसे जीएम आफिस ले जाकर 59 दो-दो हजार रूपये के वापस किये गये।
केशव नोट लेकर थाने जा पहुंचा। उसने दावा किया कि जो नोट उसे डीएन पांडे ने दिए हैं वो नकली हैं। इस शिकायत पर पुलिस ने मैनेजर पांड के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामला जांच में ले लिया। 25 दिन की विवेचना के बाद इस मामले में नया मोड़ सामने आया है। पता चला है कि डीएन पांडे ने तो असली नोट ही दिए थे परंतु केशव ने मैनेजर को फंसाने के लिए असली की जगह नकली नोट रखे और पुलिस के पास जा पहुंचा।
जांच में यह भी पता चला कि केशव केवट खुद नकली नोट छापने वाले एक गिरोह का सदस्य है। इस गिरोह का सरगना मनोज वर्मा है। कलई खुलने के बाद जब पुलिस ने जब कार्रवाई की तो केशव के घर से 2000 के 59 नकली नोट मिले। मनोज वर्मा को भी गिरफ्तार कर लिया एवं नकली नोट छापने के लिए उपयोग आने वाले कम्प्यूटर, कागज, प्रिंटर व अन्य उपकरण जब्त कर लिए गए।
इस गिरोह का तीसरा सदस्य नजीरूद्दीन उर्फ गुड्डू जो बिजुरी मे चश्मा दुकान चलाता है और कोतमा का रहने वाला है। उसे भी गिरफ्तार कर उसके कब्जे से 60 नोट दो दो हजार रूपये के नकली जप्त किये गये हैं तथा रिपोर्टकर्ता केशव केवट पिता महंगू केवट को भी षडयंत्रकारी पाये जाने से गिरफ्तार किया गया तथा नकली नोट छापने वाले मास्टर माइंड मनोज वर्मा बिजुरी जो पूर्व मे भी धोखाधडी एवं बलात्कार का आरोपी रहा है, को गिरफ्तार किया गया है।