ग्वालियर। कुछ दिनों पहले उज्जैन का एक वीडियो वायरल हुआ था। खुले में शौच कर रहे एक वृद्ध को कर्मचारियों से बेरहमी से पीटा और उसी के हाथ से उसकी शौच साफ करवाई। शुक्र मनाइए कि यह सीन उज्जैन का था, ग्वालियर का नहीं था। यहां सरकारी अमला खुले में शौच रोकने आता है तो ग्रामीण बंदूक तान देते हैं। अमला चुपचाप उल्टा लौट जाता है।
ग्वालियर जिले को संपूर्ण रूप से खुले में शौचमुक्ति का अभियान मुश्किल में पड़ गया है। इसमें सबसे बड़ी मुसीबत बने है, डकैतों के आतंक से बचने और आत्मरक्षा के लिये दिये गये लायसेंसी हथियार। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लायसेंसी बंदूक और रिवाल्वर एवं दूसरे हथियार को ग्रामीणों ने आत्मरक्षा के बजाय स्वच्छता अभियान के लिये खुले में शौच से रोकने वाले सरकारी अमले को धमकाने और शौचालय बनवाने की समझाइश देने वाले सरकारी अमले को गोली मारने की धौंस देने के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। आलम है कि करीब आधा दर्जन ऐसे गॉव चिन्हित किये गये हैं, जहां खुले में शौच पर रोक टोक करने पहुंचने वाले सरकारी अमले को बंदूक की धौंस दिखाकर उलटे पैर भागने मजबूर किया गया है।
इतना ही नहीं सरकारी कर्मचारी विवाद के हालातों से बचने और जान का खतरा देख उलटे पैर भाग रहे है। लिहाजा सीईओ जिला पंचायत नीरज कुमार ने ऐसे चिंहिंत गावों के 55 बंदूकधारियों के लायसेंस निरस्त करने के लिये अपर जिला दंडाधिकारी शिवराज वर्मा को अनुशंसा की है।
इनमें मुरार जनपद पंचायत के गांव रनगवां के 7 बंदूक के लाइसेंस निरस्त करने की अनुशंसा की गई है। वहीं उटीला में 8 बंदूकधारियों, छौंदी में 10, टिकटौली में 13, घुसगवां में 2, तोर में 2, मुख्त्यारपुर 3 और रिपुआपुरा गांव में 10 बंदूकधारियों के लायसेंस निरस्त करने का प्रस्ताव एडीएम को भेजा गया है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच की समस्या से सख्ती से निपटने के लिये प्रतिदिन प्रतिव्यक्ति 250 रूपये जुर्माना वसूली के नोटिस भी थमाये जा रहे है।
हालांकि लायसेंसी बंदूक से सरकारी कर्मचारियों को डराने धमकाने वाले ग्रामीणों पर अब ये हरकत भारी पड़ने वाली है। क्योंकि जिला प्रशासन ने स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिये पूरी मशीनरी झोंक दी है, ऐसे में सरकारी कार्य में बाधा डालने वालों से हर तरह की सख्ती से निपटने की तैयारी जिला प्रशासन ने की है, और ये तय माना जा रहा है कि जिन 55 बंदूकधारियों के लायसेंस निरस्ती की अनुशंसा सीईओ जिला पंचायत ने एडीएम से की है, वह जल्द ही निरस्त हो जायेंगे।