कटनी। ईडी की जांच में 500 करोड़ के कटनी हवाला कांड की परतें खुलने लगी हैं। एक्सिस बैंक के 32 फर्जी खातों से दिल्ली, कोलकाता, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, हरियाणा व गुड़गांव में बड़ी रकम का लेन-देन होने के 50 हजार से अधिक पन्ने ईडी अफसरों ने जब्त किए हैं। अफसरों को शक है कि इन खातों में विदेशों से पैसों का ट्रांजेक्शन हुआ है।
इससे मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ता दिख रहा है। इसके चलते जिन कंपनियों में महेंद्र गोयनका डायरेक्टर हैं, उनके खातों से हुए लेन-देन के दस्तावेज भी जांच के दायरे में लिए गए हैं। इसके साथ ही एसके मिनरल्स से सरावगी बंधुओं के कनेक्शन की भी पड़ताल की जा रही है। सरावगी के ठिकानों से शनिवार को जब्त फाइलों में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लि. एसईसीएल से हुए बड़े पैमाने पर कोयला कारोबार से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं।
ईडी सूत्रों के मुताबिक एक्सिस बैंक से 500 करोड़ के हवाला कांड के लिए कितनी बोगस फर्मों का सहारा लिया, कैसे रकम ट्रांसफर कर ब्लैक से व्हाइट की गई। इन सवालों के जवाब खोजने के लिए फाइलों को खंगाला जा रहा है। ईडी के सहायक निदेशक एसपी पांडेय समेत तीन सदस्यीय टीम ने सतीश सरावगी के अकाउंटेंट संजय तिवारी के जरिए करोड़ों रुपए के लेनदेन का लेखा-जोखा तैयार कर लिया है। जांच में बोगस फर्मों से ट्रांजक्शन कितनी फर्मों में हुआ है और एसआईटी की जांच में कितनी फर्में अभी संचालित हैं इसका ब्यौरा रविवार को जांच एजेंसी ने जुटाया। हालांकि अफसर इसका ब्यौरा सार्वजनिक करने से बच रहे हैं।
TI से ली जानकारी
ईडी अफसरों ने कोतवाली टीआई एवं एसआईटी के प्रमुख एसपीएस बघेल से अब तक हुई विवेचना की जानकारी ली। कोतवाली थाने में करीब 3 घंटे तक यह बैठक चली। ईडी ने रविवार को एसके मिनरल्स से सरावगी बंधुओं के कनेक्शन को चैक किया है। टीम यह पता लगाने में जुटी है कि आपस में हुए लेन-देन का किन-किन फर्मों से एक-दूसरे का कनेक्शन है। ब्लैकमनी को सर्कल की फर्मों के बीच लेन-देन कर कैसे सफेद किया गया है? रिकाॅर्डों की बारीकी से जांच कर ऐसी फर्मों को चिह्नित किया जा रहा है।