UP ELECTION NEWS/लखनऊ। यूपी चुनाव चरम पर आने से पहले भीतर ही भीतर घमासान बढ़ने लगा है। बीजेपी के ब्राह्मण नेता पहली लिस्ट जारी होने के बाद नाखुश नज़र आ रहे हैं। दिग्गज नेताओं का कहना है कि जो बीजेपी का कोर वोटर है उसे नज़रंदाज़ किया जा रहा है। यही वजह है कि कल जारी हुई 149 सीटों में से 12 ब्राह्मण प्रत्याशियों को ही टिकट मिला है। इसके साथ ही दो दर्जन से ज्यादा सीटों पर दल बदलुओं को टिकट मिले है।
ऐसे में जो नेता नाखुश नज़र आ रहे हैं, उनमें सबसे बड़ा नाम राजनाथ सिंह का है। जो अपने बेटे प्रदेश महामंत्री पंकज सिंह के लिए साहिबाबाद से टिकट मांग रहे हैं। लेकिन जो लिस्ट जारी हुई उसमें अभी तक उस पर प्रत्याशी नहीं घोषित हुआ है। इसके साथ ही टिकट ना मिलने से नाराज़ बरेली के संतोष गंगवार के साले वीरेंद्र सिंह वीरू ने जिला महामंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
बसपा से बीजेपी में शामिल हुए केसर सिंह को नवाबगंज से टिकट मिलने से एमपी आर्या ने प्रदर्शन किया। इसके साथ ही अशोक प्रधान को शामिल करने से कल्याण सिंह ने नाराज़गी जताई है। बीजेपी में शामिल हुए बसपा एमएलए ममितेश शाक्य भी अपनी सीट बदल जाने से परेशान हैं। लखीमपुर खीरी से योगेश वर्मा को टिकट दिए जाने से प्रदेश मंत्री अनूप गुप्ता नाराज़ बताए जा रहे हैं।
पश्चिम यूपी की राजनीति का सबसे मज़बूत गढ़ बागपत में कमल खिलाने के लिए वहां की सभी सीटों पर बाहरी नेताओं को टिकट दिया गया है। छपरौली से सत्येंद्र तुगाना को टिकट मिला है, तो कहा जा रहा है कि संजीव खोखर मायूस हो गए हैं। तो वही हाल ही में बड़ौत में केपी मालिक को टिकट मिली है और बागपत से योगेश धामा को दोनों से आये नेता हैं जिससे वहां के बीजेपी के पुराने कार्यकर्त्ता सुनील भराला, मनिंदर पाल, आत्माराम तोमर, जयप्रकाश तोमर जैसे पुराने कार्यकर्ता नाराज़ बताए जा रहे हैं।
मेरठ के सिवालखास से जितेंद्र सतवई को टिकट मिलने से स्थानीय कार्यकर्ता नाराज़ हैं। इसके साथ ही संजीव बालियान अपने करीबी को बरेली के मीरापुर से टिकट दिलाने में कामयाब नही हो पाए हैं जबकि यहां से पूर्व कांग्रेसी सांसद अवतार सिंह भड़ाना को टिकट मिला है।