प्रशासनिक संवाददाता/भोपाल। शिवपुरी में 45 दिन के प्रभार पर आईं महिला आईएएस एवं प्रभारी कलेक्टर नेहा मारव्या की तुनक मिजाजी का तीसरा मामला सामने आया है। इस बार माहौल कुछ ज्यादा गर्म हो गया है और शिवपुरी के पत्रकारों ने गणतंत्र दिवस समारोह के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। इस फैसले में वहां सक्रिय सभी पत्रकार संगठन शामिल बताए जा रहे हैं।
हुआ यूं कि 25 जनवरी को फुलड्रेस रिहर्सल के दौरान प्रभारी कलेक्टर नेहा मारव्या ने पीआरओ अनूप भारतीय से कहा कि 26 जनवरी के कार्यक्रम में पत्रकारों को उनके दायरे में ही रखना। यदि वो किसी वीआईपी के सामने आए या यहां वहां नजर आए तो तुम्हारी नौकरी गई समझो। इत्तेफाक से एक मीडियाकर्मी ने उनका यह मौखिक निर्देश कैमरे में कैद कर लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
बस फिर क्या था। मीडिया भड़क गई। दोपहर में शिवपुरी में सक्रिय सभी पत्रकार संगठनों की मीटिंग हुई जिसमें तय किया गया है कि 26 जनवरी को आयोजन मुख्य कार्यक्रम का सभी पत्रकार बहिष्कार करेंगे। इस कार्यक्रम का ना तो कवरेज किया जाएगा और ना ही इस कार्यक्रम का समाचार प्रकाशित/प्रसारित किया जाएगा। इतना ही नहीं यदि प्रभारी कलेक्टर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगती तो सभी प्रकार की सरकारी समाचारों का बहिष्कार कर दिया जाएगा।
नेहा मारव्या का विवादों से है पुराना नाता
जनवरी 2017 में जनसुनवाई के दौरान एक कर्मचारी नेहा मारव्या के समक्ष उपस्थित हुआ। वो अपनी लंबित समस्या के कारण इच्छामृत्यु की मांग कर रहा था। वो अपनी समस्या का तत्काल समाधान चाहता है। नेहा मारव्या ने समाधान तो नहीं किया, उल्टे उसके आवेदन पर एसपी शिवपुरी को निर्देशित किया कि पीड़ित के खिलाफ आईपीसी/सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करें। विशेषज्ञ आज तक समझ नहीं पाए कि इच्छामृत्यु मांगने वाले पीड़ित के खिलाफ किन धाराओं में केस फाइल करें। जब यह मामला मीडिया की सुर्खियों में आया तो अगली जनसुनवाई से पहले उन्होंने निर्देश जारी किए कि जनसुनवाई के दौरान मीडिया का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। मीडिया ने इसका तीखा विरोध किया तो नेहा मारव्या ने यूटर्न ले लिया।
याद दिला दें कि 2011 बैच की आईएएस अफसर नेहा मारव्या जिला पंचायत जबलपुर, जिपं. दतिया, राज्य शिक्षा केंद्र, भोपाल के बाद शिवपुरी में जिला पंचायत की सीईओ बनाई गईं हैं। मात्र 5 साल में यह उनकी चौथी पोस्टिंग है। 2014 में गुना लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रचार वाहन के विरुद्ध बेवजह कार्रवाई के कारण चुनाव आयोग ने इनका तबादला आदेश जारी किया था। जबलपुर जिला पंचायत अध्यक्ष मनोरमा पटैल से विवाद काफी सुर्खियों में रहा है। यह विवाद तभी थम जब नेहा मारव्या का तबादला कर दिया गया। इसके अलावा सेंट्रल बैंक प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर की कोशिश भी काफी सुर्खियों बटोर चुकी है।