भोपाल। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) व्यापमं का पुराना ढर्रा बदलने की तैयारी कर रहा है। देश की तमाम भर्ती परीक्षा कराने वाली ऐजेन्सियों में व्यापमं अकेला था जो बेतुके सवाल पूछा करता था। पटवारी परीक्षा में चंबल का इतिहास और पुलिस की परीक्षा में जमीन की नाप पूछ ली जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। पीईबी नया सिस्टम बना रहा है, इसके तहत जैसी परीक्षा होगी वैसे ही सवाल आएंगे। अब संविदा शिक्षक की भर्ती परीक्षा में नक्सलवाद के प्रश्न नहीं आएंगे।
पीईबी आगामी परीक्षाओं से यह व्यवस्था लागू करने जा रहा है। इन बदलावों के मद्देनजर बोर्ड प्रश्न बैंक की संख्या 10 लाख तक बढ़ाने जा रहा है। इसके लिए नई एजेंसी को टेंडर जारी किए गए हैं। अभी विभिन्न परीक्षाओं के लिए प्रश्न तैयार करने की जिम्मेदारी तीन एजेंसियों पर है। बोर्ड इनकी संख्या बढ़ाकर छह तक करने जा रहा है ताकि किसी एक एजेंसी पर निर्भरता खत्म हो सके और प्रश्न का स्तर पर भी बेहतर बना रहे।
बोर्ड डायरेक्टर भास्कर लाक्षाकार के अनुसार अभी बोर्ड परीक्षाओं के लिए प्रश्न पेपर तैयार करता है, लेकिन अब प्रश्न बैंक तैयार कर रहा है। एक परीक्षा के लिए औसतन 50 हजार सवालों का प्रश्न बैंक तैयार होगा। करीब 20 परीक्षाओं के लिए बोर्ड की लगभग 10 लाख प्रश्नों का बैंक बनाने की तैयारी है।
नई व्यवस्था का फायदा
अभी लागू प्रक्रिया में सॉफ्टवेयर रेंडमली सवालाें का चयन कर पेपर तैयार करता है। इन सवालों का चयन परीक्षाओं की प्रकृति के हिसाब से नहीं किया जाता है। इससे कई परीक्षाओं के सवाल परीक्षार्थियों को कठिन लगते हैं। कई बार बड़ी परीक्षाओं में ऐसे सवाल आ जाते हैं जो मांगी गई योग्यता के मुताबिक नही होते हैं। नई व्यवस्था में सॉफ्टवेयर सवालाें का चयन रेंडमली ही करेगा लेकिन परीक्षाओं की प्रकृति के हिसाब से।
ताकि परीक्षाओं का स्तर बना रहे
एक ही सवाल हर दूसरी परीक्षा में पूछने पर भी रोक लगाई जा रही है। बोर्ड डायरेक्टर का कहना है कि परीक्षाओं में प्रश्नों का दोहराव होना देखा गया है। इस प्रक्रिया को रोकने के लिए सवालों को कुछ इस तरह से बनाया जा रहा है ताकि एक सवाल एक ही दफा आए। दूसरी बार इसी सवाल का नंबर सीधे तीन साल बाद ही आएगा।