भोपाल। लोक निर्माण विभाग में सबकुछ ठीक नहीं है। नीचे तो गुटबाजी हमेशा ही होती रहती है लेकिन पिछले 3 महीनों से मंत्री रामपाल सिंह और प्रमुख सचिव प्रमोद अग्रवाल के बीच तनाव चल रहा है। हालात यह हैं कि मंत्री रामपाल सिंह, अपने प्रमुख सचिव से बात तक नहीं करते ना ही कोई फाइल उनके पास भेजते हैं। वो अपने सचिव के पास फाइलें फारवर्ड करते हैं, जरूरत होती है तो सचिव पीएस से बात करते हैं। इसके अलावा विभाग के ईएनसी अखिलेश अग्रवाल के साथ भी पीएस की छह महीने से बातचीत बंद है। यह मामला सीएम शिवराज सिंह के नोटिस में भी है लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका है।
पत्रकार जगदी द्विवेदी की रिपोर्ट के अनुसार प्रमोद अग्रवाल पिछले तीन साल से लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव हैं। सूत्रों की माने तो वे निर्माण कार्यों से जुड़ीं कई फाइलों पर अपने ही स्तर पर निर्णय ले रहे हैं। इसमें मंत्री को ओव्हरलुक किए जाने से वे नाराज हैं। इसके अलावा प्रमोद अग्रवाल और ईएनसी अखिलेश अग्रवाल के बीच चल रहे विवाद में मंत्री रामपाल सिंह ईएनसी के साथ बताए जाते हैं। इससे पीएस उनसे खिन्न चल रहे हैं। नतीजा यह कि मंत्री और पीएस में पिछले तीन महीने से अधिक समय से बातचीत बंद चल रही है।
मंत्री कार्यालय से फाइलें पीएस की जगह सचिव सीपी अग्रवाल के पास भेजी जा रही है। वे इन फाइलों को पीएस तक पहुंचा रहे हैं। गौरतलब है कि ईएनसी और पीएस में अधिकारों को लेकर लंबे अर्से से तलवारें तनी हुई हैं और ईएनसी सीएम से मिलकर पीएस की शिकायत भी कर चुके हैं।
विवाद के चलते आधा बजट लैप्स होगा
सूत्रों की माने तो विभाग में अफसरों की तनातनी के कारण पिछले साल लोकनिर्माण विभाग निर्माण कार्यों के लिए मिली राशि का उपयोग नहीं कर पाया था और 40 फीसदी बजट लैप्स हो गया था। इस साल भी पचास फीसदी बजट लैप्स होने की संभावना आला अधिकारी जता रहे हैं। ईएनसी अखिलेश अग्रवाल के तेवर तीखे होने के पीछे उन्हें राज्य मंत्रालय की पांचवीं मंजिल पर बैठने वाले एक रसूखदार अफसर का वरदहस्त होना माना जा रहा है। इसी की मदद से वे पिछले दिनों सीएम से मिले थे और पीएस की शिकायत की थी। ये अफसर अब पीएस अग्रवाल को पीडब्ल्यूडी से हटवाने में लग गए हैं।