नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के दो पूर्व गवर्नरों वाईवी रेड्डी और बिमल जालान के बाद अब नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन ने केन्द्रीय बैंक की स्वायत्तता पर सवाल उठाते हुए कहा है कि आजकल बैंक कोई फैसले नहीं करता, सभी निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करते हैं।
नोटबंदी की आलोचना करते हुए सेन ने कहा कि यह फैसला कालेधन को सिस्टम से हटाने में असफल रहा है, हालांकि मोदी को ‘संदेह का लाभ’ मिलता रहेगा। एक चैनल को दिए गए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि ‘लोग सोचते हैं कि प्रधानमंत्री कालाधन खत्म करने के लिए कुछ कर रहे हैं। मोदी को संदेह का लाभ मिलता रहेगा। यह विचार कि धनी लोगों को दिक्कत हो रही है, गरीबों को भा रहा है।
30 दिसंबर के बाद चलन से बाहर हुए नोटों को बदलवाने पर रिजर्व बैंक की रोक पर उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह आरबीआई का फैसला है। यह प्रधानमंत्री का ही होगा, मुझे नहीं लगता कि इस वक्त आरबीआई कोई फैसला करती है।’ सेन ने कहा कि रघुराम राजन के कार्यकाल में आरबीआई काफी स्वतंत्र था। उसके लिए आईजी पटेल और मनमोहन सिंह जैसे अच्छे लोगों ने काम किया है।