
आरबीआई कर्मचारियों ने कहा कि अव्यवस्था के कारण आरबीआई की साख खराब हो रही है, जिसे सही नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने विशेष रूप से मुद्रा समन्वय के लिए वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति को आरबीआई की स्वायत्तता पर अतिक्रमण बताया।
रिजर्व बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने पटेल को लिखे पत्र में कहा कि आरबीआई के कर्मचारियों की विवेकपूर्ण नीति के कारण पिछले कई दशकों में इसकी एक दक्ष और स्वतंत्र छवि बनी थी जो कि कुछ ही समय में चकनाचूर हो गई। यह सब कुछ देखकर हमें बहुत दुख हो रहा है।
गौरतलब है कि यह पत्र आरबीआई के तीन पूर्व गवर्नरों मनमोहन सिंह, वाई वी रेड्डी, बिमल जालान द्वारा इसकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जाने के कुछ दिन बाद आया है। ऊषा थोराट और केसी चक्रवर्ती जैसे पूर्व उप गवर्नरों भी अपनी चिंता व्यक्त की थी।