नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) ने कर्ज की ब्याज दर में कटौती की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बैंकों से गरीबों और निम्न मध्यम वर्ग को लोन में प्राथमिकता देने की अपील की थी। इसके एक दिन बाद ही देश के सबसे बड़े बैंक ने विभिन्न परिपक्वता अवधि की बेंचमार्क ब्याज दरों में 0.9 फीसद की कटौती का एलान कर दिया। माना जा रहा है कि अन्य बैंक भी ऐसा कदम उठा सकते हैं।
एसबीआइ ने एक साल की अवधि की फंडों की मार्जिनल कॉस्ट आधारित लोन दर (एमसीएलआर) को 8.90 से घटाकर आठ फीसद कर दिया है। दो साल की अवधि के लिए इसको कम करके 8.10 फीसद कर दिया गया है। जबकि तीन साल की अवधि के लिए एमसीएलआर 9.05 फीसद से घटाकर 8.15 फीसद की गई है। प्रधानमंत्री ने 31 दिसंबर को बैंकों से गरीबों और मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान देने को कहा था।
वह बोले थे, "बैंकों की स्वायत्तता का सम्मान करते हुए मैं उनसे कहूंगा कि वे परंपरागत प्राथमिकताओं से आगे बढ़ते हुए गरीबों, निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग पर ध्यान दें।"
साथ ही यह भी कहा था कि भारत पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मना रहा है। बैंकों को इस अवसर को अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहिए।
उन्हें जनहित में तत्काल उचित फैसले करने चाहिए। पिछले सप्ताह एसबीआइ के सहायक बैंक स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर ने कर्ज की दर में कटौती का एलान किया था।
आइडीबीआइ ने भी इसमें 0.6 फीसद की कटौती की थी। नोटबंदी के बाद बैंकों के पास फंडों की कोई समस्या नहीं है।