जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने महज कागज पर 'मेढ़-बंधान' के जरिए शासकीय राशि का गबन किए जाने के रवैये को आड़े हाथों लिया। इसी के साथ संभागायुक्त को शिकायत पर नियमानुसार ठोस कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए। इसके लिए महज छह माह की समयसीमा निर्धारित की गई है।
एक्टिंग चीफ जस्टिस राजेन्द्र मेनन व जस्टिस श्रीमती अंजुली पालो की डिवीजन बेंच के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता उमरिया जिले के कुशमहन सेजवाही ग्राम के निवासी रामजाने बैगा की ओर से अधिवक्ता प्रशांत अवस्थी, आशीष त्रिवेदी, असीम त्रिवेदी व आनंद शुक्ला ने पक्ष रखा।
उन्होंने दलील दी कि शहडोल संभाग में शासकीय राशि का जमकर दुरुपयोग किया गया है। आलम यह है कि मेढ़ बंधान जमीन पर नदारद है। सिर्फ कागजों पर मेढ़ बंधान के जरिए राशि का गबन कर दिया गया। जब प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी पाए जाने के बावजूद कार्रवाई नदारद रही तो व्यापक जनहित में हाईकोर्ट की शरण ली गई।