भोपाल। छिंदवाड़ा में घूसखोरी के खिलाफ जारी हुए एक आदेश को लेकर गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह बेवजह अपने ही एसपी गौरव तिवारी से उलझ गए हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि यदि एसपी का आदेश गलत पाया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसपी गौरव तिवारी ने आदेश जारी किया है कि यदि थाने में तैनात कोई पुलिसकर्मी रिश्वत लेते लोकायुक्त छापे में पकड़ा जाता है तो संबंधित थानेदार के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। इस आदेश पर गृहमंत्री ने विपक्षी नेता की तरह बयान जारी कर दिया।
गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि यदि कर्मचारी के पकड़े जाने पर थानेदार को सस्पेंड करेंगे तो थानेदार के पकड़े जाने पर एसपी को...। उन्होंने कहा कि हम इस आदेश की जांच करा रहे हैं। यदि आदेश गलत पाया गया तो एसपी गौरव तिवारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इधर एसपी गौरव तिवारी का कहना है कि आदेश सरकार के निर्देशों के तहत ही जारी किया गया है। दो साल पहले ये आदेश पीएचक्यू से जारी किया गया था। मैं उसी आदेश का पालन कर रहा हूं। डीएसपी और एसपी के रिश्वत लेते पकड़े जाने पर कार्रवाई का अधिकार सरकार को है। गौरव तिवारी अपने आदेश पर अडिग हैं और नोटिस मिलने के सवाल पर उनका कहना था कि जब मिलेगा तब जवाब देंगे।
बता दें कि कटनी में 500 करोड़ के कालाधन कांड का खुलासा होने के बाद एसपी गौरव तिवारी सुर्खियों में आए थे। इस मामले में मंत्री संजय पाठक के कथित पार्टनर के खिलाफ कार्रवाई हो रही थी और एक बयान में मंत्री संजय पाठक का नाम भी आ गया था। इसी के साथ आईपीएस गौरव तिवारी का तबादला कटनी से छिंदवाड़ा कर दिया था। यहां आते ही गौरव तिवारी फिर अपनी स्टाइल में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई में जुट गए। उन्होंने कांग्रेस विधायक की नगर परिषद अध्यक्ष पत्नी के खिलाफ 420 का मामला दर्ज कर लिया। साथ ही पुलिस विभाग में घूसखोरी बंद कराने के लिए इस तरह का आदेश दिया। इस आदेश की जहां जनता में प्रशंसा की गई वहीं गृहमंत्री ने अजीब तरह का बयान दे दिया।