INDORE NEWS | समाज के किसी भी वर्ग में महिला यौनहिंसा का शिकार हो तो वो पुलिस से मदद मांगती है लेकिन यदि पुलिस विभाग की महिला कर्मचारी ही अपने अधिकारी के यौन हमले का शिकार हो जाए तो। यहां महिला आरक्षकों ने थाना प्रभारी और प्रधान आरक्षक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसकी शिकायत अधिकारियों को भी की गयी, लेकिन अधिकारी यह मानाने को तैयार ही नहीं।
इनके आरोप है कि थाना प्रभारी सुनील यादव उन्हें तरह-तरह से परेशान करते हैं, महिला आरक्षकों का आरोप है कि थाना प्रभारी को आवेदन या डायरी देने पर वह हाथ पकड़ते हैं। एक ही बात के लिए बार-बार केबिन में बुलाते हैं, विरोध करने पर नाइट ड्यूटी लगाने की और बर्खास्त करवाने की धमकी देते हैं।
वहीं एक और आरक्षक ने आरोप लगाया कि थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक प्रमोद सिंह उनसे कहता है कि महिला आरक्षक 500-500 रुपयों में बिकती हैं 10 अलग-अलग लोगों के साथ घूमती हैं, वो लोग पागल होते है जो महिला आरक्षक से शादी करते हैं। सीमा कहती है कि वह ये सब लम्बे समय से सहती रहीं, लेकिन लड़की होने की वजह से इसकी शिकायत नहीं कर सकीं लेकिन कुछ दिनों पहले पूर्व डीआईजी और एसपी पश्चिम से इसकी शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
जब इस पूरे मामले को लेकर डीआईजी इंदौर हरिनारायण चारी मिश्र से बात की गयी तो उन्होंने इस तरह की किसी भी शिकायत से इंकार कर दिया। हालांकि अब जानकारी मिलने के बाद वह एएसपी स्तर के अधिकारी से मामले की जांच करवाने की बात कह रहे हैं।
इस पूरे मामले को देखकर समझा जा सकता है कि पुलिस विभाग में काम करने वाली महिला आरक्षक किन परिस्थितियों में काम कर रही हैं, उन्हें मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया जाता है, इसके आलावा उन पर ड्यूटी का भी खासा परेशान किया जाता है, अब देखना यही है कि यह मामला सामने आने के बाद आला पुलिस अधिकारी किस तरह से दोनों को इन्साफ दिलवाते है।