लखनऊ। यूपी में बीजेपी का यूथ कनेक्शन कमजोर हो रहा है। यूपी चुनाव में यूथ भाजपा से भटकने लगा है। यह सूचना राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ को अपने तंत्र से मिली है। इस सूचना से संघ परिवार ने मंथन और चिंतन के बाद भाजपा राष्ट्रीय नेतृत्व को अवगत करवाया है। उसके बाद यूपी के दिग्गज नेताओं और प्रत्याशियों को यूथ कनेक्शन कमजोर होने का अलर्ट जारी किया गया है। अब एक बार फिर यूपी बीजेपी ने इस चुनाव में यूथ कनेक्शन को और मजबूत करने के लिए नए सिरे से व्यूहरचना शुरू कर दी है। राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से मिले यूथ कनेक्शन अलर्ट के बाद प्रदेश भाजपा टीम ने भी काम शुरू किया है।
अब भाजपा की टीम सबसे पहले प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार में युवाओं के साथ किए गए छल और भेदभाव को बताने का काम करेगी। अखिलेश राज में प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा करने के बाद भी भत्ता न दिए जाने मुद्दा बनाया जाएगा।
भाजपा यह मुद्दा उठाएगी कि अखिलेश सरकार में भर्ती प्रक्रिया एक घोटाला बनकर रह गई। एक के बाद एक भर्ती प्रक्रिया में घोटाले किए गए। यूपी में सरकारी भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों को भी मुद्दा बनाया जाएगा।
यूथ को कनेक्ट करने के लिए भाजपा नेता हर जगह यह बात दुहराएंगे कि सरकार बनने के 90 दिनों के भीतर प्रदेश के सभी रिक्त सरकारी पदों के लिए पारदर्शी तरीके से भर्ती की प्रक्रिया की जाएगी।
भाजपा नेता यह भी बताएंगे कि अब यूपी के हर घर के एक सदस्य को मुफ्त कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जायेगा। अगले पांच वर्षो में 70 लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाने का भाजपा के संकल्प को बताया जाएगा। 90 प्रतिशत नौकरियां प्रदेश के युवाओं के लिए आरक्षित होंगी, इसका भी प्रचार किया जाएगा।
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