हरेकृष्ण दुबोलिया/भोपाल। लोकसभा और राज्य सभा के सांसदों की स्थानीय विकास निधि का बड़ा हिस्सा डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट, पर्यावरण की रक्षा के लिए ग्रीन एनर्जी और शिक्षा व्यवस्था को डिजिटाइज बनाने पर खर्च होगा। वर्ष 2017 में सांसदों की स्थानीय विकास निधि का इस्तेमाल केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों, राज्य शासन के स्कूलों और ग्रामीण क्षेत्र में स्थाई वाईफाई सेटअप स्थापित करने के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही ग्रीन एनर्जी के लिए सोलर स्ट्रीट लाइट सिस्टम लगाने के लिए भी सांसदों की स्थानीय विकास निधि इस्तेमाल की जाएगी।
केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यान्वयन मंत्रालय ने भोपाल समेत सभी जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखकर सांसदों को पत्र लिखकर सांसदों की निधि के इस्तेमाल को लेकर नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। नए दिशा निर्देशों के बाद सांसद अब अपनी मनमर्जी से स्थानीय विकास निधि खर्च नहीं करा पाएंगे।
इन दो स्कीम में खर्च होगी सांसदों की विकास निधि
सोलर स्ट्रीट लाइट - केंद्र सरकार अटल ज्योति योजना के तहत गांव और शहरी क्षेत्रों में सोलर स्ट्रीट लाइट की स्थापना के लिए 75 फीसदी अनुदान देंगी। पर्यावरण की रक्षा की खातिर ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए यह निर्णय लिया गया है। अटल ज्योति योजना के प्रोजेक्ट में 25 फीसदी राशि स्थानीय सांसद सदस्यों के लोकल एरिया डवलपमेंट स्कीम के फंड से जुटाई जाएगी।
वाईफाई नेटवर्क सेटअप - ग्रामीण, कस्बाई और दूरस्थ जिलों के स्कूलों में स्थाई वाईफाई नेटवर्क स्थापित किए जाने हैं। कलेक्टर ऐसे स्थानों का चयन कर सांसदों की स्थानीय विकास निधि के जरिए प्रस्ताव मंगाएंगे। इनमें केंद्रीय विद्यालय, नवोदय, राज्य के मॉडल स्कूलों को प्राथमिकता दी जाएगी।