नई दिल्ली। देश में छुपा कालाधन पकड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवम्बर 2016 को अचानक नोटबंदी का ऐलान किया था। सवाल उठे तो कहा मुझ पर भरोसा रखो। अब 6 फरवरी 2017 तक आयकर विभाग 1 करोड़ बैंक खातों की जांच कर चुका है। अब तक कालाधन का कोई बड़ा आंकड़ा सामने नहीं आया। बस 18 लाख लोगों को नोटिस भेजे गए हैं। ये 18 लाख खाते भी कम्प्यूटर के जरिए चुने गए हैं। इन खातों में नोटबंदी के बाद 5 लाख रुपए से ज्यादा जमा हुए थे।
एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि टैक्स डिपार्टमेंट ने अपने डेटा बैंक में एक करोड़ से अधिक खातों के जरिये आंकड़ों का विश्लेषण शुरू किया है। इनका मिलान खाताधारकों की इनकम टैक्स की स्थिति से किया गया है। आयकर रिकॉर्ड के तहत देश में कुल 3.65 करोड़ व्यक्ति इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं। इसके अलावा 7 लाख से अधिक कंपनियां, 9.40 लाख हिंदू अविभाजित परिवार तथा 9.18 लाख फर्म हैं, जिन्होंने वित्त वर्ष 2014-15 में आईटीआर फाइल किया। साथ ही वित्तीय समावेशी अभियान के तहत 25 करोड़ शून्य राशि वाले जनधन खाते खोले गए।
सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग सभी श्रेणी के खातों की जांच कर रहा है और ‘ऑपरेशन क्लीन मनी’ के तहत संदिग्ध जमा वाले खाताधारकों को एसएमएस और ईमेल भेजेगा। सूत्र ने कहा, 'हमने अपने डेटा के आधार पर शुरू में एक करोड़ खातों का मिलान किया और 5 लाख रुपये से अधिक के संदिग्ध जमा वाले 18 लाख लोगों की पहचान की। हम आंकड़ों के विश्लेषण का दायरा बढ़ाएंगे और अपने डेटा बेस से प्रोफाइल का मिलान करेंगे।'