नई दिल्ली। भारतीय निर्वाचन आयोग ने सोमवार को हिंदी अखबार दैनिक जागरण और एक एजेंसी के खिलाफ़ उत्तर प्रदेश के 15 ज़िलों में एफ़आईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। चुनाव आयोग ने यह आदेश चुनाव के बीच में एक्ज़िट पोल छापने के सिलसिले में दिया है। चुनाव के सभी चरणों का मतदान पूरा होने से पहले एक्जिट पोल छापना आयोग के दिशा-निर्देशों के ख़िलाफ़ है।
आयोग ने अपने निर्देशों के उल्लंघन का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को एक खत लिखा है। इसमें कहा गया है कि 'धारा 126ए के तहत किए गए अपराध में 2 साल की कैद या जुर्माना या दोनों सजा ही सजा का प्रावधान है।
आयोग को जानकारी मिली थी कि दैनिक जागरण ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद रिसोर्स डेवलपमेंट इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी ने एग्जिट पोल के नतीजे अपनी वेबसाइट में छापे थे।
पहले चरण में 11 फ़रवरी को 15 जिलों की 73 सीटों पर मतदान हुआ था। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 ए के अनुसार कोई भी व्यक्ति, 4 फरवरी की सुबह 7 बजे से लेकर 8 मार्च के शाम साढ़े 5 बजे तक कोई एग्जिट पोल नहीं कर सकता या इन नतीजों को प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रकाशित नहीं कर सकता है।