
पुलिस के मुताबिक, आरोपी देबाशीष धर को बीते सप्ताह गिरफ्तार किया गया था। उसने बताया कि वारदात को अंजाम देने के बाद वह करीब एक सप्ताह तक उसी इलाके में रहा। उसे दूसरों के घर में ताक-झांक की आदत थी और वह 24 साल की फीजियोथेरेपिस्ट श्रद्धा पांचाल का कई दिनों से पीछा कर रहा था। 6 दिसंबर 2016 को उसने देखा कि घर की पहली मंजिल में स्थित श्रद्धा के कमरे में लाइट जल रही है। वह धीरे से सीढ़ी चढ़कर ऊपर पहुंचा और दरवाजा खुला देखकर कमरे में घुस गया। कमरे में श्रद्धा अपने नाइट क्लॉथ पहनकर सो रही थी।
देबाशीष ने धीरे से दरवाजा बंद किया और श्रद्धा से रेप की कोशिश करने लगा। उसकी नींद खुद गई और उसने विरोध जताया को आरोपी ने उसका सिर दीवार से टकरा दिया, जिससे श्रद्धा बेहोश हो गई। पूछताछ में आरोपी ने बताया, 'मैंने दो बार उससे रेप किया। वह पड़ी थी। फिर मैंने उसी के जींस से उसका गला घोंट दिया।' जब श्रद्धा के शरीर से कोई हरकत नहीं हुई तो आरोपी ने उसे छोड़ दिया और कुछ देर तक उसकी मौत पुख्ता होने का इंतजार करता रहा। आरोपी ने इस दौरान उसके शरीर से छेड़छाड़ की और जमीन पर पड़े हेयर ब्रश को प्राइवेट पार्ट में डालने की कोशिश की।
आरोपी ने बताया कि वारदात के बाद उसने श्रद्धा की किताबें उसकी लाश के चारों तरफ रख दी थीं और आग लगाकर सबूत मिटाना चाहता था। उसने पेपर को जलाने के बाद कमरे का दरवाजा बंद कर दिया और दरवाजा बाहर से बंद करके भाग निकला।
मामले की तहकीकात के दौरान पुलिस ने पड़ोसी के घर पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की लेकिन आरोपी उनके रडार में नहीं आ पाया। पुलिस ने देबाशीष की तलाश तब शुरू की जब उसे सीसीटीवी फुटेज में श्रद्धा के कमरे में रात करीब 1.20 बजे झांकते देखा गया।
पुलिस ने आरोपी देबाशीष के ऑफिस में पता किया लेकिन बताया गया कि वह कोलकाता चला गया है। इसके बाद पुलिस की एक टीम कोलकाता भेजी गई और उसे वहां से गिरफ्तार कर लिया गया। उसने शुरुआत में दावा किया कि घटनावाले दिन उसने दो लोगों को घर की सीढ़ियों पर देख था। यह दावा झूठ निकला क्योंकि घर में लड़की की सीढ़ी थी जिसे एक बार में एक ही शख्स इस्तेमाल कर सकता था। पुलिस की सख्ती के बाद आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया।