
मोदी सरकार में नौकरियां तेजी से घटीं, बेरोजगारी बढ़ी
सरकार के डाटा के अनुसार 2015 में केवल 135000 नए रोजगार के अवसर लोगों को प्राप्त हुये थे, जो कि पिछले 7 सालों में सबसे कम था। यह आंकड़ा यूपीए के शासन काल में सृजित हुई नई नौकरियों से भी 67 फीसदी कम था।
कंपनियों में भी कम हो गईं नौकरियां
सरकार जहां एक तरफ स्किल इंडिया जैसे मिशन चलाकर के रोजगार के नए अवसर पैदा करने की मुहिम में जुड़ी हुई है, वहीं कंपनियों पर टैक्स की ज्यादा मार पड़ने से नई नौकरियों की कमी हो गई है। सरकार इस वक्त छोटी कंपनियों को तो टैक्स छूट देकर के बढ़ावा दे रही है, वही दूसरी तरफ बड़ी कंपनियों पर टैक्स दर को 30 फीसदी कर दिया है। सरकारी बेरूखी के कारण मानव संसाधन में कमी बनी हुई है।
स्किल इंडिया: वादा 40 करोड़ का नतीजा 82 हजार
सरकार के आंकड़ों के हिसाब से फिलहाल 20 से अधिक मंत्रालयों में 70 से अधिक स्किल इंडिया कार्यक्रम चल रहे हैं। 2015 में सरकार ने इस कार्यक्रम की शुरूआत की थी और वादा किया था कि अगले 7 वर्षों में 40 करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा। लेकिन एक साल में केवल 17.6 लाख लोग इससे जुड़ सके हैं। इनमें से भी केवल 5.8 लाख लोगों ने कोर्स को पूरा किया है, जिसके बाद केवल 82 हजार लोगों को रोजगार मिला है।