
सतना निवासी राजीव का नाम सामने आने के बाद ATS ने पड़ताल की। पता चला कि वह सतना जेल में बंद है। इसके बाद एक टीम सतना पहुंची और राजीव को प्रोडक्शन वारंट पर लिया। राजीव भी बैंक खाते खुलवाने से लेकर हर तरह की बलराम की मदद करता था। इस मामले की मॉनिटरिंग राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल कर रहे हैं। पैरेलल टेलीफोन के जरिए सेना की जासूसी की डीटेल जांच रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को भी भेजी जा चुकी है। ये बात गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने पचमढ़ी में मीडिया से चर्चा में कही।
पांच फीसदी कमीशन पर खुलवाते थे खाते
ATS के मुताबिक बलराम पांच फीसदी का लालच देकर लोगों से बैंक खाते खुलवाता था। यानी बैंक खाते में जितनी रकम आएगी, उसका पांच फीसदी हिस्सा उस व्यक्ति को दिया जाएगा, जिसके नाम के दस्तावेज खाता खुलवाने के दौरान लगाए गए थे। ATS को अब तक बलराम के कब्जे से 110 एटीएम कार्ड हासिल हो चुके हैं। ये सभी वे खाते हैं, जिनका इस्तेमाल बलराम ही करता था। इनमें से ज्यादातर लोग बजरंगदल या विश्व हिंदू परिषद से जुड़े हैं।