भोपाल। लगभग हर मुद्दे पर ना केवल नरेंद्र मोदी सरकार बल्कि संघ और कांग्रेस के हर विरोधी को घेर लेने वाले महासचिव दिग्विजय सिंह सारे सवाल केवल सोशल मीडिया पर ही पूछते हैं। संसद में ना तो सरकार को घेरते हैं और ना ही कोई सवाल पूछते हैं। आप जानकर चौंक जाएंगे कि संसद के बजट सत्र में उन्होंने 1 भी सवाल नहीं पूछा। मप्र से संसद में एक और दिग्गज जाते हैं। नाम है सत्यव्रत चतुर्वेदी। 6 साल पहले इन्होंने 1 सवाल पूछा था। सदन में मोदी सरकार को घेरने की इन दिग्गजों ने कभी कोशिश भी नहीं की।
रिकॉर्ड बताते हैं कि मनमोहन सरकार के समय (वर्ष 2014) में दिग्विजय सिंह ने 31 सवाल लगाए थे, लेकिन मोदी सरकार के सत्ता में आने के दो साल बाद भी यह संख्या कभी 30 सवालों तक नहीं पहुंची। मालूम हो कि मप्र से राज्यसभा में नौ सांसद हैं। इनमें तीन कांग्रेस से, तो शेष बीजेपी के सांसद हैं। प्रदेश से राज्यसभा के चार सांसद केंद्र में मंत्री हैं। इनमें अनिल माधव दवे, एमजे अकबर, थावर चंद गेहलोत और प्रकाश जावड़ेकर शामिल हैं।
सत्यव्रत ने छह साल पहले पूछा था सवाल
लोकसभा की तरह ही राज्यसभा सांसद भी सवाल लगाने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। कांग्रेस से राज्यसभा सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी ने तो छह साल पहले वर्ष 2011 के बाद से कोई सवाल लगाया ही नहीं। इधर पहली बार राज्यसभा पहुंचे सासंदों में एलए गणेशन ने भी अब तक कोई सवाल नहीं लगाया, जबकि विवेक तनखा मौजूदा सत्र के साथ शीतकालीन सत्र में कुल 19 सवाल लगा चुके हैं।
प्रभात झा बहुत सवाल पूछते हैं
राज्यसभा सांसद प्रभात झा सबसे ज्यादा सवाल लगाने वाले सांसद हैं। वर्ष 2016 और 2015 में जहां झा ने 139 सवाल लगाए, तो वहीं मौजूदा सत्र में भी उनके 14 सवाल लगे हैं। इसके बाद नंबर आता है बीजेपी सांसद डॉ.सत्यनारायण जटिया का। वर्ष 2015 में जटिया ने 92 सवाल लगाए, जबकि मौजूदा सत्र में उनके तीन सवाल लगे हैं। मंत्री बनाने से पहले ज्यादा सवाल लगाने वाले सांसदों में अनिल माधव दवे का नाम भी है।