
अफसर गिरफ्तार हुए, नेता पर आरोप भी नहीं लगा
दोनों मामले शिक्षा और रोजगार से जुड़े हैं और दोनों का संबंध गुजरात से रहा है। दोनों ही मामले में अध्यक्ष और सचिव गिरफ्तार हुए, साथ ही 30 से ज्यादा आरोपियों को जेल भेजा गया। दोनों मामले की जांच एसआईटी ने की, जिसका नेतृत्व पटना के एसएसपी मनु महाराज ने किया और दोनों घोटालों में अफसर ही आरोपी निकलें, कोई नेता आरोपी नहीं मिला।
गुजरात से छपी थीं आंसर शीट
इंटर टॉपर घोटाले में अपने परीक्षार्थियों की दूसरी कॉपी लिखवाने के लिए गुजरात के खेड़ा स्थित बिरजल शाह के बिंदिया इंटर प्राइजेज नामक प्रिंटिंग प्रेस से 8 करोड़ की फर्जी उत्तर पुस्तिका छपवाई गई थी। उन उत्तर पुस्तिकाओं को पटना समेत बिहार के कई जिलों में भेज दिया गया था। छात्रों से असली उत्तर पुस्तिका के बदले इसी फ्रीज उत्तर पुस्तिका पर जवाब लिखवाया और परीक्षा केंद्र पर जमा करवा दिया।
चयन आयोग का पेपर भी गुजरात से लीक हुआ
बिहार कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा का प्रश्न पत्र छापने की जिम्मेदारी आयोग ने अहमदाबाद के नरौदा में प्रिटिंग प्रेस चलाने वाले विनीत अग्रवाल को दी थी। विनीत अग्रवाल के पास प्रश्नपत्र छापने का लाइसेंस नहीं था। बाद में विनीत और उसके मैनेजर अजय अग्रवाल ने प्रश्नपत्र लीक कर दिया। इन दोनों को एसआईटी गिरफ्तार कर चुकी है।