भोपाल। एमबीबीएस कोर्स के लिए 2009 में हुए मेडिकल एडमिशंस में सीबीआई जांच के दौरान संदिग्ध भर्ती प्रक्रिया पकड़ में आई है। काउंसलिंग के आखरी दिन अचानक थोकबंद एडमिशन हुए। इनकी संख्या कुल खाली सीटों से भी ज्यादा थी। सीबीआई ने इसकी जांच शुरू कर दी है। पूछताछ के लिए संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. उल्का श्रीवास्तव को भी बुलाया गया। सीबीआई ऐसे मामलों में पुख्ता सबूत जुटा रही है।
2008 से 2013 तक पीएमटी में हुई गड़बड़ी की जांच सीबीआई कर रही है। करीब महीने भर से 2009 और 2010 की पीएमटी को लेकर स्क्रुटनी कमेटी के सदस्यों से पूछताछ हो रही है। डॉ. उल्का श्रीवास्तव से बतौर डीएमई बुधवार को पूछताछ की गई। हालांकि, काउंसलिंग से उनका कोई संबंध नहीं था।
2009 में ऑफलाइन काउंसलिंग की जा रही थी, इसलिए सीबीआई हर दिन भरी जाने वाली सीटों की गहराई से जांच कर रही है। सीबीआई ने पूछा है कि काउंसलिंग के दौरान आखिरी दिन ज्यादा सीटें भरी गई हैं। साथ ही जितनी खाली सीटें बताई गई हैं, उससे ज्यादा सीटों पर एडमिशन हुए हैं। इसके पहले 2010 बैच में दाखिले की जांच के लिए स्क्रुटनी कमेटी के सदस्यों को बुलाया गया था।
इन बिंदुओं पर हो रही जांच
जो छात्र परीक्षा में बैठा था काउंसलिंग में वही आया या नहीं।
स्क्रुटनी कमेटी के सदस्यों ने फोटो और दस्तावेजों की जांच ठीक से की या नहीं ।
काउंसलिंग कमेटी और स्क्रुटनी कमेटी के सदस्य और अध्यक्ष हर साल एक ही रहे या बदले गए।
छात्रों को मेरिट के अनुसार सीट आवंटन हुआ या नहीं।