नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा आय से अधिक संपत्ति के मामले में सजायाफ्ता ससिकला की जिंदगी की कहानी भी किसी फिल्म का पूरा मसाला है। शादियों में वीडियोग्राफी करने वाली ससिकला अपने पति के रिश्तों का फायदा उठाते हुए कैसे जयललिता के करीब पहुंची और कैसे उन्होंने जयललिता के आसपास एक रहस्मय कॉकस तैयार किया जो उनकी मृत्यु तक लगातार बना रहा। इस बीच कई बार बड़ा विरोध हुआ। जयललिता ने ससिकला को बाहर का रास्ता भी दिखाया लेकिन फिर सबकुछ पहले जैसा हो गया। क्यों हुआ यह आज भी एक रहस्य है।
स्टेप बाई स्टेप रिश्ते बनाते गई ससिकला
शशिकला ऐसी हाउसवाइफ थीं, जो फिल्मों में काम करने और सितारों जैसा जीवन जीने के सपने देखती थी। उनके पति आर नटराजन तमिलनाडु सरकार में पब्लिक रिलेशन ऑफिसर थे। वे उस समय कुडालोर जिले के कलेक्टर वी एस चंद्रलेखा के करीबी थे। चंद्रलेखा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम जी रामाचंद्रन के करीबी थे। चूंकि एमजीआर और जयललिता की करीबी सभी को पता है तो वे उस समय जयललिता को राजनीति में ला रहे थे। दूसरी ओर शशिकला ने वीडियो कैमरा खरीदकर अपने मोहल्ले में शादियों को शूट करना आरंभ कर दिया था। उस समय उन्होंने चंद्रलेखा से कहा कि वो जयललिता पर एक वीडियो बनाना चाहती हैं। फिर चंद्रलेखा उन्हें जयललिता के पास ले गईं, फिर क्या हुआ वह इतिहास बन गया।
बुरे वक्त में साथ दिया और जयललिता की हस्ती ही हाईजैक कर ली
कहा जाता है कि शशिकला और जयललिता के बीच दोस्ती हुई, जो परवान चढ़ती गई। 1987 में एमजीआर की मौत के बाद जयललिता बिल्कुल अकेली रह गई थीं। एमजीआर की पत्नी जानकी के सपोटर्स उनके खिलाफ सड़कों पर थे। इस बीच ससिकला ने उन्हे पूरा सपोर्ट किया। तभी से ससिकला, जयललिता के साथ परछाई की तरह रहने लगीं। 1991 में जब जयललिता प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं शशिकला उनके साथ दिखने वाला चेहरा बन चुकी थीं। जयललिता की जगह वही मंत्रियों से बात करती थीं। उन्हें ऑर्डर देती थीं।
मन्नारगुडी माफिया के नाम से बदनाम
यह भी कहा जाता है कि जयललिता हमेशा ही शशिकला के परिवार के लोगों से घिरी रहती थीं और कोई उन तक पहुंच ही नहीं पाता था। धीरे-धीरे यही कुनबा मन्नारगुडी माफिया कहलाने लगा क्योंकि शशिकला मन्नारगुडी में ही जन्मी हैं।
जयललिता ने घर से निकाला
जयललिता ने दो दशकों से भी अधिक तक साथ निभा रही शशिकला को एक दिन पार्टी से निकाल दिया। उस समय कयासों का दौर आरंभ हो गया था कि जयललिता को शशिकला पर भरोसा नहीं रहा। जयललिता ने शशिकला और उनके परिवार को अपने घर से भी बाहर निकाल दिया था।
अपने पूरे परिवार को रईस बना दिया
यह भी सबको पता है कि शशिकला 1989 से ही जयललिता के साथ रह रही थीं। वे अपने जन्म प्रदेश मन्नारगुडी से 40 नौकर लाईं थीं जो जयललिता का पूरा घर चलाते थे। इसमें मेड, रसोईया, ड्राइवर, माली आदि सभी तरह के काम शामिल थे। शशिकला ने ही सहयोग देकर अपने सभी परिवार जनों को 1996 तक अमीर बनाया। पूरे प्रदेश में शशिकला और उसके परिवारजनों के लालच और फिर गलत तरह से पैसे कमाने के किस्से चर्चित रहे हैं। यहां तक कि तमिलनाडु में उद्यम स्थापित करने के लिए भी इस माफिया को पैसा खिलाने का रिवाज था। बिना इनके कुछ नहीं होता था।
जयललिता की हार का कारण बनी
1996 के प्रदेश चुनावों में जयललिता की हार का कारण भी यह था। बाद में जयललिता को इन बातों का आभास हुआ लेकिन तब तक देर हो चली थी। उनकी तबीयत खराब हुई और वे डॉक्टर के पास पहुंचीं तो पता लगा कि उन्हें काफी कम मात्रा में केमिकल सब्सटेंसिज, जिनमें काफी कम मात्रा में आर्सेनिक होता था, दिए जाते रहे।
रहस्य आज भी
इसके बाद जयललिता ने इस ब्रिगेड को खुद से दूर हो जाने के लिए कहा। पर मार्च 2012 में एक बार फिर दोनों के बीच की दूरियां खत्म हुईं। ये बात सभी के लिए आज भी पहेली है कि आखिर जयललिता ने शशिकला को माफ क्यों किया, आखिर क्यों वे शशिकला के बिना चलने में खुद को असमर्थ पाती थीं।