मंडप में दूल्हा-दुल्हन पर लात घूंसे खाते रहे, चुपचाप फेरे लेते रहे

इंदौर। कहते हैं विवाह की वेदी पर आ जाने के बाद दूल्हा-दुल्हन भगवान विष्णु और लक्ष्मी का स्वरूप होते हैं। इसीलिए जब वो अग्नि की परिक्रमा करते हैं तो उन पर फूल बरसाए जाते हैं परंतु यहां हुए एक विवाह समारोह में परिवार वालों ने अग्नि की परिक्रमा कर रहे दूल्हा-दुल्हन पर लात घूंसे बरसाए। दोनों फिर भी विचलित नहीं हुए। पिटते रहे, लेकिन चुपचाप फेरे लेते रहे। 

मामला दशहरा मैदान का है, जहां कन्यादान योजना के तहत शादियां कराई जा रही थीं। गरिमा राठौड़ और पंकज गहलोद एक-दूससे से प्यार करते थे। इस मामले में पंकज को अपने परिवार का साथ नहीं मिला। दूसरी ओर गरिमा के परिवार वालों ने उसे अपना साथ दिया। हालात को देखते हुए दोनों ने शादी के लिए कोर्ट में आवेदन दे दिया और सीएम कन्यादान योजना के तहत शादी करना कबूल किया। 

जब दूल्हे के परिवार को यह सब पता चला तब वे शादी के मौके पर मंडप में आ गये और दूल्हे-दुल्हन के साथ मारपीट करने लगे। चश्मदीदों के मुताबिक दूल्हे की मां ने उसे पीटना शुरू कर दिया। बाद में अन्य लोगों ने भी उसे पीटा। दूल्हे को बचाने के चक्कर में दुल्हन को भी चोटें लगीं। 

इसके बाद दुल्हन के पिता ने पुलिस को बुला लिया और उसकी सुरक्षा में शादी की बाकी रस्में निभाई गईं। बाद में अन्नपूर्णा थाना की पुलिस ने मामले की जानकारी ली। अभी तक इस मामले में कोई मामला दर्ज नहीं कराया गया है। उस दिन दशहरा मैदान में 202 जोड़ों ने हिंदू रीति से शादी की तो छह जोड़ों ने निकाह भी किया। 

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