
आरक्षण की वर्तमान व्यवस्था, जो कुछ परिवारों को ही पीढी दर पीढी लाभ मिलने का साधन बन चुकी है, का युक्तियुक्तकरण करने के लिये शासन को बाध्य करने के लिये जनजागृति लाने की भी शपथ ली गयी।
संस्था के सचिव खरे ने बताया कि सरकार द्वारा पदोन्नति मे आरक्षण के मान सर्वोच्च न्यायालय में प्रचलित प्रकरण में बिलंब कराने के प्रयासों के वाबजूद भी सपाक्स सुनवाई हेतु प्रकरण को लगातार लिस्ट कराने में सफल रहा है। सरकार के पास न तथ्य हैं और न ही तर्क, लेकिन वो वोट बैंक की खातिर इस प्रकरण को लंबा खीचना चाहती है इसलिए जनता की गाढ़ी कमाई के 4 करोड़ रूपये वकीलों के लिए अग्रिम दे दिए। यह देश का तुष्टिकरण का पहला उदहारण है कि जब किसी असंवेधानिक प्रकरण हेतु कोई सरकार इतनी बड़ी राशि का अपव्यय कर रही है।
सपाक्स समाज संस्था के प्रदेश अध्यक्ष ललित शास्त्री ने कहा कि अब ये लड़ाई शासकीय सेवकों मात्र कि नही है बल्कि समाज भी इसमें सपाक्स का खुले रूप से समर्थन करेगा। यदि राजनीति में वोट ही महत्वपूर्ण है तो 2018 तक सामान्य पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग का "सपाक्स समाज" के केंद्र में ध्रुवीकरण किया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अब एक ही नारा होगा कि "जो सपाक्स हित की बात करेगा वही मध्य प्रदेश पर राज करेगा"।
संस्था का प्रथम स्थापना दिवस राजधानी के साथ साथ पूरे प्रदेश के जिला मुख्यालयों में भी मनाया गया। भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में सपाक्स के प्रदेश अध्यक्ष डॉ आनंद सिंह कुशवाह, सचिव राजीव खरे, उपाध्यक्ष बी एल त्यागी संस्थापक मंडल के सदस्य के एस तोमर, आलोक अग्रवाल, नवगठित सपाक्स समाज संस्था के प्रान्त अध्यक्ष एवम वरिष्ठ पत्रकार ललित शास्त्री के साथ साथ बड़ी संख्या में मंत्रालय, सतपुड़ा, विन्ध्याचल, निर्माण भवन, पर्यावास भवन एवं विभिन्न शासकीय कार्यालयों से संस्था के सदस्य भी उपस्थित हुए।