
इसलिए रिजर्वेशन कोच की तरह होंगे दीनदयालु कोच
पॉलीकॉर्बोनेट की चादरें होगी, जो जल्दी आग नहीं पकड़ेगी। आग लगने की स्थिति में जल्दी फैलेगी नहीं। अभी तक कोचों में ज्यादातर मटेरियल सनमाइका का उपयोग होता था जो आग लगने की स्थिति में जल्दी आग पकड़ता था। सभी सीटों पर पानी की बॉटल के लिए बॉटल होल्डर होंगे, जो अंदर की तरफ दबे होंगे। भोपाल एक्सप्रेस के जनरल कोचों में अभी यह सुविधा नहीं है। कोच में पानी कितना है इसके लिए अलग से इंडिकेटर लगा है। यदि पानी खत्म होने वाला है या नहीं है तो इसकी जानकारी डिस्प्ले पर यात्रियों को लगेगी। यात्री सीधे रेलवे के अधिकारियों को मैसेज कर सकते हैं। दिव्यांगों के लिए सभी स्थानों पर ब्रेल लिपि में नोटिस बोर्ड लगे होंगे। आग बुझाने के लिए आधुनिक अग्निशामक यंत्र की सुविधा दी गई है। यात्री सीट पर बैठे-बैठे यह जानकारी ले सकेंगे कि टॉयलेट खाली है या नहीं। इसके लिए टॉयलेट इंडिकेटर लगाए गए हैं। दोनों दीनदयालु कोचों को रिजर्वेशन कोच में मिलने वाली सुविधाओं के तर्ज पर विकसित किया गया है।
भोपाल एक्सप्रेस को मिले दीनदयालु कोच
पहले दीनदयालु कोच भोपाल एक्सप्रेस को मिले हैं। इसके लिए दो कोच का पहला रैक शुक्रवार को फैक्ट्री से निकाल दिया जाएगा। दोनों कोच पूरी तरह तैयार हो चुके हैं।
सुनील टेलर, डिप्टी वर्कशॉप मैनेजर, निशातपुरा कोच फैक्ट्री