भोपाल। लोकसभा में नोटबंदी के दौरान बैंक की कतारों में मरे नागरिकों के प्रति सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया काफी संवेदनशील भाषण दे रहे थे। वो मप्र में सीएम कैंडिडेटशिप के प्रबल दावेदार भी हैं और अक्सर दावा करते हैं कि वो राजनीति में अपनी संपत्ति बढ़ाने या बचाने नहीं बल्कि जनता की सेवा करने आए हैं परंतु गुना जिले में हुए एक घटनाक्रम में सिंधिया की संवेदनशीलता वाली राजनीति पर दाग लगा दिया।
जिले के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंधिया शिवपुरी से गुना आ रहे थे। इसी बीच उनका काफिला भदौरा के आसपास पहुंचा था, कि उससे पहले नेतलपुर गांव में रहने वाले एक युवक सूरज अहिरवार को हाईवे पार करते समय बस ने कुचल दिया था। घटना के कुछ मिनट बाद ही सिंधिया का काफिला वहां से गुजरा। मौजूदा लोगों ने बताया कि अगर वक्त रहते सिंधिया या उनके काफिले से कोई गाड़ी पर युवक को अस्पताल पहुंचा देता तो शायद उसकी जान बच सकती थी। बाद में पास के कुछ लोगों की मदद से युवक को अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन जब तक बहुत देर हो चुकी थी, डॉ द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया।
लोकसभा में लोगों के दर्द का उठाया था मुददा
लोकसभा की कार्रवाई के दौरान सिंधिया ने पीएम और भाजपा से नोटबंदी के दौरन लोगों को हुई परेशानियों और चंबल क्षेत्र में हुई मौतों का हिसाब मांग रहे थे। उनका लोकसभा में उस भाषण का वीडियो भी खूब वायरल हुआ था। जिसमें वह काफी संवेदशील होकर सवाल कर रह थे। लेकिन इस हादसे में उनकी संवेदनशीलता नहीं दिखी।